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लुसाने: अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) पांच अगस्त से होने वाले रियो ओलंपिक में रूस की भागीदारी पर उसके खराब डोपिंग रिकॉर्ड के बावूजद पूरा प्रतिबंध नहीं लगायेगी और उसने यह फैसला विभिन्न खेल फेडरेशनों पर छोड़ दिया है कि वे अपने खेल के रूसी खिलाड़ियों पर प्रतिबंध का निर्णय खुद करें। आईओसी के इस फैसले से रूस के रियो ओलंपिक से बाहर होने का खतरा टल गया है। अब विभिन्न खेल महासंघों को यह फैसला करना है कि वे अपने खेल के रूसी खिलाड़ियों को प्रतिबंधित करना चाहते हैं या नहीं। ओलंपिक शुरु होने में 12 दिन शेष रहते इस फैसले से ओलंपिक आंदोलन दो फाड़ होने से बच गया। विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) ने मैक्लारेन रिपोर्ट के बाद रूस को रियो से प्रतिबंधित करने की मांग की थी। मैक्लारेन की स्वतंत्र रिपोर्ट में आरोप लगाये गये थे कि रूस में सरकार खिलाड़ियों के लिये डोपिंग कार्यक्रम चलाती है और इसके लिये उसने 2014 में सोच्चि में हुये शीतकालीन ओलंपिक का उदाहरण दिया था। आईओसी ने इस रिपोर्ट के बाद रविवार को अपने 15 सदस्यीय कार्यकारी बोर्ड की टेलीकांफ्रेंस के जरिये बैठक में यह फैसला सुनाया। आईओसी ने फैसला लिया कि रूसी खिलाड़ियों के ओलंपिक में उतरने की पात्रता उनके खेलों के अंतरराष्ट्रीय महासंघ तय करेंगे।

आईओसी ने साथ ही कहा कि वाडा मैक्लारेन में जिन रूसी अधिकारियों का नाम है उनके खिलाफ अनुशासन कार्रवाई सोमावार से शुरु की जायेगी।

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