नई दिल्ली: डब्ल्यूबीओ एशिया पैसेफिक चैंपियन का खिताब जीतने के बाद खुशी से लबरेज लेकिन साथ ही काफी थके हुए भारतीय मुक्केबाज विजेंदर सिंह थोड़े दिन तक इस जीत का लुत्फ उठाने के बाद पाकिस्तान में जन्में ब्रिटिश स्टार आमिर खान से भिड़ने की संभावना तलाशेंगे। तीस वर्षीय विजेंदर ने शनिवार की रात दर्शकों के अपार समर्थन के बीच पूर्व डब्ल्यूबीसी यूरोपीय चैंपियन कैरी होप को दस दौर के मुकाबले में हराकर सुपर मिडिलवेट खिताब जीता। यह उनकी लगातार सातवीं जीत है। इस जीत से वह डब्ल्यूबीओ रैंकिंग में 15वें स्थान पर पहुंच गये हैं और उन्हें अगले दो महीनों में अपने खिताब का बचाव करना होगा। उन्होंने अपनी इस खिताब जीत को स्वर्गीय मोहम्मद अली को समर्पित किया। जीत के कुछ मिनटों बाद ही हालांकि उनसे सवाल कर दिया गया कि अब आगे की क्या योजना है। विजेंदर का शुरूआती जवाब था, ‘मैं कुछ दिनों तक संभवत: एक महीने तक विश्राम करना चाहता हूं और उसके बाद देखूंगा कि आगे क्या करना है।’ लेकिन मुकाबले के बाद संवाददाता सम्मेलन में उनके भविष्य को लेकर सवालों की झड़ी समाप्त नहीं हुई तो आखिर में इस मुक्केबाज ने अपने विकल्प बताये। उन्होंने कहा, ‘मैं विश्व रैंकिंग में अब शीर्ष 15 में पहुंच जाऊंगा। अब मुझे कड़े मुकाबले मिलेंगे और मैं उनके लिये तैयार हूं। मैं अपने प्रशिक्षकों और टीम के साथ काम करूंगा।’ विजेंदर ने कहा, ‘मेरा और आमिर का भार वर्ग भिन्न है।
इसलिए यदि वह अपना भार बढ़ा देता है या मैं अपना भार कम कर देता हूं तभी हम इस पर बात आगे बढ़ा सकते हैं। हम इस पर विचार कर रहे हैं, इसलिए देखते हैं कि क्या होता है। मुझे उम्मीद है जब यह बड़ा मुकाबला होगा तो यह केवल भारत में होगा।’ आमिर ने अल्वारेज से मुकाबले से पहले भारत में विजेंदर से लड़ने की इच्छा जतायी थी लेकिन अब यह देखना बाकी है कि वह फिर से ऐसी इच्छा व्यक्त करते हैं या नहीं क्योंकि वह अपने पुराने भार वर्ग में लौट गये हैं। विजेंदर के ब्रिटिश प्रमोटर फ्रांसिस वारेन ने कहा, ‘भविष्य में हम आमिर खान पर भी निगाह रखेंगे। यहां यह मुकाबला बेजोड़ होगा। यह बहुत बड़ा मुकाबला होगा। हमने अभी इस संभावित मुकाबले के लिये आमिर की टीम से बात की है। मैं जानता हूं कि वे यह मुकाबला चाहते हैं। मैं जानता हूं कि विजेंदर भी ऐसा चाहता है।’ विजेंदर को हालांकि जल्द ही मौजूदा राष्ट्रमंडल चैंपियन ल्यूक ब्लैकलीज का सामना करना पड़ सकता है जिन्होंने कल रात के मुकाबले में उतरने से इन्कार कर दिया था। वारेन ने कहा, ‘विजेंदर के लिये काफी विकल्प है। इस मुकाबले के बाद डब्ल्यूबीओ में उसकी रैंकिंग 15 हो जाएगी और सवाल यह है कि वह शीर्ष 15 में शामिल मुक्केबाजों से भिड़कर अपनी रैंकिंग में सुधार करेगा या बेल्ट अपने पास सुरक्षित रखेगा। उन्हें 120 दिन के अंदर अपनी बेल्ट का बचाव करना होगा और इसलिए हम ल्यूक से संपर्क करेंगे जो राष्ट्रमंडल चैंपियन है।’ विजेंदर और होप का मुकाबला देखने के लिये 5000 दर्शकों की क्षमता वाला त्यागराज स्टेडियम में खचाखच भरा हुआ था।उन्होंने कहा,‘यह मेरे करियर का सबसे लंबे समय तक चलने वाला मुकाबला था। आखिर में मैने दस राउंड पूरे कर लिये। मुझे इसकी उम्मीद नहीं थी लेकिन हमेशा नाकआउट नहीं होता है और इसलिए मैंने दस राउंड तक मुकाबला करने की तैयारी की थी। मुझे अब विश्राम चाहिए। इसके बाद हम देखेंगे कि क्या करना है।’ कल की बड़ी जीत के बावजूद विजेंदर ने उसे ऐतिहासिक ओलंपिक कांस्य पदक के समकक्ष या उससे उपर रखने से इन्कार कर दिया जिसके कारण उन्हें पहचान मिली थी। उन्होंने कहा, ‘ओलंपिक पदक के कारण आज मैं यहां हूं। लोगों को पदक के कारण विजेंदर सिंह के बारे में पता चला। उससे पहले कोई मुझे नहीं जानता था। वह ओलंपिक पदक मेरे लिये विशेष मायने रखता है। हालांकि यह बेल्ट मेरे लिये खास है लेकिन यह अलग तरह का है।’ विजेंदर ने अपने प्रतिद्वंद्वी कैरी होप की भी तारीफ की जिन्होंने दस राउंड तक मुकाबला किया। उन्होंने कहा, ‘वह अनुभवी है। मैं उसका सम्मान करता हूं। वह अच्छा फाइटर है।’