नई दिल्ली: महानतम टेनिस खिलाड़ियों में शुमार रोजर फेडरर अपनी ‘गर्मजोशी और साथियों की परवाह’ करने की वजह से उनके भी चहेते हैं और भारतीय टेनिस स्टार सानिया मिर्जा का अनुभव भी उनके साथ ऐसा ही रहा है। सानिया ने अपनी आत्मकथा ‘ऐस अगेंस्ट आड्स’ में लिखा कि तीन अलग-अलग मौकों पर 17 बार के एकल ग्रैंडस्लैम चैम्पियन फेडरर ने उनसे उनकी कुशल क्षेम पूछी जब वह अनावश्यक विवादों से घिरी थी। सानिया के खिलाफ 2008 में तिरंगे के कथित अपमान का मामला दर्ज हुआ जब प्लेयर्स बाक्स में वह पैर ऊपर करके बैठी थी। उसने अपनी किताब में लिखा, ‘जब मेरे खिलाफ तिरंगे के कथित अपमान का मामला दर्ज हुआ तब रोजर फेडरर हालात के बारे में पूछने वाले पहले खिलाड़ियों में से थे जब मैं आस्ट्रेलियाई ओपन के लिये मेलबर्न में थी।’ इसके बाद मुंबई में 26 नवंबर के आतंकवादी हमले के बाद भी फेडरर ने उनकी खरियत पूछी थी। सानिया ने लिखा, ‘फेडरर ने मुंबई हमले के बाद मुझे संदेश भेजकर खरियत पूछी थी। यही वजह है कि महानतम खिलाड़ियों में शामिल होने के साथ ही रोजर बहुत बहुत खास है। वह काफी गर्मजोशी से मिलते हैं और दूसरों की परवाह करते हैं। सफलता का उन्हें कोई गुमान नहीं है।’ सानिया ने फेडरर से जुड़े एक मजाकिया वाकये का भी जिक्र किया।
विम्बलडन 2007 के दौरान सानिया के साथ उनके बचपन की दोस्त रूचा नाईक भी थी जब यह घटना हुई। उसने लिखा, ‘मेरी स्कूल की दोस्त रूचा नाईक इंग्लैंड में ग्रासकोर्ट सत्र के दौरान मेरे साथ थी। वह लंकास्टर यूनिवर्सिटी से फैशन में डिग्री ले रही थी। उसे खेलों का कोई शौक नहीं था और ना ही टेनिस के बारे में कुछ पता था लेकिन वह करीबी दोस्त थी। यही वजह है कि वह मेरी सबसे अच्छी दोस्तों में से एक है।’ उसने कहा, ‘मैं कभी नहीं भूल सकती जब वह पहली बार विम्बलडन प्लेयर्स लाउंज में आई। रोजर फेडरर हमारी टेबल पर आये और कुछ मजाक किया। इस पर रूचा ने उनके जाने के बाद कहा कि यह कौन है और खुद को क्या समझता है। मैंने कहा कि यह बहुत अच्छा इंसान है जो टूर्नामेंटों के दौरान दिखता है और थोड़ा बहुत टेनिस खेलता है।’