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बर्मिंघम: भारत की शटलर पीवी सिंधु ने महिला सिंगल्स के फाइनल में कनाडा की शटलर मिशेल ली को हराकर गोल्ड मेडल जीत लिया है। पहली बार महिला सिंगल्स में सिंधु ने कॉमनवेल्थ में गोल्ड मेडल जीतने का कमाल किया। बता दें कि शुरू से ही सिंधु ने आक्रमक खेल दिखाया जिसका जबाव विरोधी शटलर के पास नहीं था। पहले गेम में सिंधु ने मिशेल ली को 21-15 से हराकर मैच में बढ़त बना ली थी। दूसरे गेम को सिंधु ने 21-13 से जीतकर गोल्ड मेडल पर कब्जा कर लिया। सिंधु ने 2-0 से गेम जीतकर इतिहास रच दिया। बता दें कि इस कॉमनवेल्थ गेम्स में अब भारत के हिस्से में कुल 19 गोल्ड मेडल आए हैं और कुल मिलकर यह 56वां मेडल हैं।

यह पहली बार है जब महिला एकल में सिंधु ने कॉमनवेल्थ में गोल्ड मेडल जीतने का कमाल किया है। इसके अलावा सिंधु ने 2018 राष्ट्रमंडल खेलों की मिश्रित टीम स्पर्धा में गोल्ड पदक जीता था। उन्होंने 2014 राष्ट्रमंडल खेलों में महिला एकल में कांस्य पदक भी जीतने में सफलता हासिल की थी। मिशेल के खिलाफ 11 मैच में यह सिंधू की नौवीं जीत है। सिंधू का राष्ट्रमंडल खेलों में यह तीसरा व्यक्तिगत पदक है।

उन्होंने 2018 गोल्ड कोस्ट खेलों में भी रजत पदक जीता था। सिंधू मौजूदा खेलों में रजत पदक जीतने वाली भारत की मिश्रित टीम का भी हिस्सा थी जिसे फाइनल में मलेशिया के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था। फाइनल में सिंधू के बाएं पैर में पट्टी बंधी थी जिससे कुछ हद तक उनकी मूवमेंट प्रभावित हुई और इसका असर उनके प्रदर्शन पर भी दिखा।

उन्होंने कुछ मौकों पर मिशेल को आसान अंक बनाने का मौका दिया। सिंधू ने रैली में बेहतर प्रदर्शन किया और उनके ड्रॉप शॉट भी दमदार थे। मिशेल ने काफी सहज गलतियां की जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा। भारत का बर्मिंघम खेलों की बैडमिंटन प्रतियोगिता का यह चौथा पदक है। इससे पहले मिश्रित टीम के रजत पदक के अलावा किदांबी श्रीकांत ने पुरुष एकल जबकि त्रीशा जॉली और गायत्री गोपचंद की जोड़ी ने महिला युगल में कांस्य पदक जीते।

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