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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड (एमएसआईएल) ने शुक्रवार को ‘भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो 2025’ में अपनी पहली बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन (बीईवी) एसयूवी, 'ई विटारा' को इलेक्ट्रिक इको-सॉल्यूशन के साथ पेश किया। कंपनी ने एक बयान में कहा कि 'एचईएआरटीईसीटी-ई' नाम के एक बिल्कुल नए इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) प्लेटफॉर्म पर निर्मित यह इलेक्ट्रिक वाहन दो बैटरी विकल्पों 49 किलोवाट और 61 किलोवाट में पेश किया गया है और एक बार चार्ज करने पर 500 किमी से अधिक की दूरी तय करता है।

चार ड्यूल टोन विकल्पों के साथ 10 रंगों में उपलब्ध इलेक्ट्रिक एसयूवी 

देश को ईवी विनिर्माण के एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने के अपने समर्पण की पुष्टि करते हुए कंपनी ने कहा कि ई-विटारा का जापान और यूरोप जैसे प्रमुख बाजारों सहित 100 से अधिक देशों में निर्यात किया जाएगा। चार ड्यूल टोन विकल्पों के साथ 10 रंगों में उपलब्ध इलेक्ट्रिक एसयूवी की कीमत का खुलासा बाद में किया जाएगा।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): आठवां वेतन आयोग लागू होने के बाद केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में 25 से 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने का अनुमान है। इसी अनुपात में रिटायर्ड कर्मचारियों की पेंशन में भी इजाफा हो सकता है। यह जानकारी एक्सपर्ट्स द्वारा शुक्रवार को दी गई। सरकार हर 10 साल के अंतराल कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी के लिए नया वेतन आयोग लाती है। इस कारण आठवां वेतन आयोग एक जनवरी, 2026 से लागू हो सकता है, क्योंकि सातवां वेतन आयोग एक जनवरी, 2016 से लागू हुआ था।

अधिकारियों के अनुसार, इस कदम से रक्षा कर्मियों सहित लगभग 50 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारियों और 65 लाख से अधिक पेंशनभोगियों को लाभ होगा। सातवें वेतन आयोग ने 2.57 का फिटमेंट फैक्टर लागू किया था, जिससे औसत सैलरी में 23.55 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी। इससे पहले छठे वेतन आयोग ने 1.86 का फिटमेंट फैक्टर लागू किया था। टीमलीज डिजिटल की सीईओ नीति शर्मा ने कहा, "आठवें वेतन आयोग में 2.6 से लेकर 2.85 के बीच फिटमेंट फैक्टर की संभावना है, जिससे सैलरी में 25-30 प्रतिशत और पेंशन में आनुपातिक वृद्धि हो सकती है।"

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): अगले दो वित्त वर्षों (2025-27) में कुल 1,000 कंपनियां अपना आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) ला सकती हैं। एसोसिएशन ऑफ इन्वेस्टमेंट बैंकर्स ऑफ इंडिया (एआईबीआई) ने शुक्रवार को यह कहा। आरंभिक सार्वजनिक निर्गम की यह उल्लेखनीय संख्या आर्थिक वृद्धि, अनुकूल बाजार स्थितियों और नियामक ढांचे में सुधार से प्रेरित होगी। निवेश बैंकरों के शीर्ष निकाय ने कहा कि इसके अलावा, अगले वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 2025-26) में आईपीओ और योग्य संस्थागत नियोजन (क्यूआईपी) के माध्यम से धन जुटाने की कुल राशि तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान है।

पिछले कुछ वर्षों में भारतीय पूंजी बाजार बहुत तेजी से बढ़ रहा है। पिछले छह वित्त वर्षों में अब तक 851 कंपनियों ने आईपीओ लाकर सामूहिक रूप से 4.58 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं। इनमें 281 बड़ी कंपनियां जबकि छोटी एवं मझोली कंपनियों (एसएमई) की संख्या 570 रही।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): देश का विदेशी मुद्रा भंडार 10 जनवरी को समाप्त सप्ताह में 8.71 अरब डॉलर घटकर 625.87 अरब डॉलर रहा। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को कहा कि इससे पिछले सप्ताह में यह 5.69 अरब डॉलर घटकर 634.58 अरब अमेरिकी डॉलर रहा था। विदेशी मुद्रा भंडार में पिछले कुछ हफ्तों से गिरावट आ रही है। इस गिरावट का कारण रुपये में उतार-चढ़ाव को कम करने के लिए आरबीआई का विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप के साथ-साथ मूल्यांकन को माना जा रहा है। सितंबर के अंत में विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 704.88 अरब अमेरिकी डॉलर के अबतक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था।

आरबीआई की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, 10 जनवरी को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार का प्रमुख हिस्सा विदेशी मुद्रा आस्तियां 9.47 अरब डॉलर घटकर 536.01 अरब डॉलर रह गईं। डॉलर के संदर्भ में उल्लेखित विदेशी मुद्रा आस्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं की घट-बढ़ का प्रभाव शामिल होता है।

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