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नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने 2012 के चेक बाउंस होने के मामले में संकट में फंसे उद्योगपति विजय माल्या के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है। अदालत ने यह भी कहा है कि माल्या को अदालत में उपस्थित करने के लिये जरूरी कारवाई की जानी चाहिये। मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट सुमीत आनंद ने माल्या को 4 नवंबर को अदालत में पेश करने का आदेश जारी किया है। उन्होंने आदेश दिया है कि विदेश मंत्रालय द्वारा माल्या को गैर-जमानती वारंट भेजा जाना चाहिये। रिपोटरें के अनुसार माल्या लंदन में हैं। अदालत ने इस बात पर गौर किया है कि बार-बार के आदेश के बावजूद माल्या अदालत में हाजिर नहीं हुये हैं ऐसे में यह जरूरी हो गया है कि सरकारी मशीनरी को हस्तक्षेप करते हुये माल्या की उपस्थिति सुनिश्चित करनी चाहिये। सुनवाई अदालत ने डायल की शिकायत पर माल्या को समन भेजा है। डायल इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे का संचालन करती है। डायल का कहना है कि माल्या की कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस द्वारा 22 फरवरी 2012 को दिया गया एक करोड़ रुपये का चेक एक महीने बाद कोष उपलब्धता नहीं की टिप्पणी के साथ लौटा दिया गया। डायल ने जून 2012 में किंगफिशर एयरलाइंस के 7.5 करोड़ रुपये के चेक से संबंधित चार मामले दर्ज किये हैं। किंगफिशर ने ये चेक इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर ली गई सेवाओं के एवज में जारी किये।

माल्या, किंगफिशर एयरलाइंस के चेयरमैन हैं। यह एयरलाइंस इस समय बंद पड़ी है। माल्या पर विभिन्न बैंकों से 9,000 करोड़ रुपये का बकाया है। बैंकों ने इस बकाया वसूली के लिये उन पर अदालत में मामले दर्ज किये हैं। पिछले महीने मुंबई में मनी लांड्रिंग के एक मामले में वह अदालत में हाजिर नहीं हुये। यह मामला उनके खिलाफ कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी से जुड़ा है। माल्या इस साल मार्च में देश छोड़कर चले गये थे और समझा जाता है कि वह ब्रिटेन में हैं। उनके खिलाफ चेक बांउस के कई मामले दर्ज किये गये हैं।

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