नई दिल्ली: वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) अगले वर्ष अप्रैल से लागू करने की सरकार की मंशा के बीच वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आज कहा कि इसमें कर की दर ‘इष्टतम’ होगी। हालांकि ऐसे संकेत हैं कि यह दर 18 प्रतिशत से अधिक हो सकती है। राज्यसभा में जीएसटी के क्रियान्वयन के लिये संविधान संशोधन विधेयक पारित होने के एक दिन बाद जेटली ने कहा कि कर की दर के बारे में फैसला जीएसटी परिषद करेगी। परिषद में केंद्रीय वित्त मंत्री तथा 29 राज्यों के प्रतिनिधि होंगे। उन्होंने कहा, ‘हम जल्द से जल्द जीएसटी लागू करने पर काम कर रहे हैं। सख्त लक्ष्य तय करना और उसे उसे हासिल करने की कोशिश करना हमेशा अच्छा होता है। यह लक्ष्य नहीं होने से बेहतर है।’ राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि केंद्र सरकार चाहेगी कि अगले 30 दिनों में आधे राज्य विधेयक को मंजूरी दे दें ताकि जीएसटी परिषद विधेयक को अंतिम रूप दे सके जिसमें दर एवं अन्य नियम एवं शर्तें होंगी। जेटली ने कहा कि सरकार केंद्रीय जीएसटी विधेयक तथा समन्वित जीएसटी विधेयक संसद के समक्ष शीतकालीन सत्र में पेश का लक्ष्य बना रही है। मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने कहा कि जीएसटी दर 22 प्रतिशत के आसपास रहने से मुद्रास्फीति दबाव बनेगा और 27 प्रतिशत की ऊंची दर खुद को नुकसान पहुंचाने वाला होगा।
उन्होंने पूर्व में जीएसटी दर 17 से 19 प्रतिशत रखने की सिफारिश की थी। दूसरी तरफ अधिया ने कहा कि जीएसटी मानक दर 18 प्रतिशत रहने की उम्मीद करना अभी जल्बाजी है क्योंकि इससे राजस्व का उल्लेखनीय नुकसान होगा। केंद्रीय उत्पाद शुल्क और राज्य मूल्य वर्धित कर (वैट) मिलकर फिलहाल 27 प्रतिशत है।