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नई दिल्ली: भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अध्यक्ष अरुंधती भट्टाचार्य ने कहा कि सहायक बैंकों के एसबीआई में विलय को लेकर कर्मचारियों को डरने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि इससे न तो किसी की नौकरी जाएगी और न ही किसी के वेतन में कटौती होगी। अरुंधती ने शुक्रवार शाम कहा, 'इस प्रक्रिया में न तो किसी की नौकरी जाएगी और न ही किसी के वेतन में कटौती होगी। सिर्फ कुछ लोगों का स्थानांतरण हो सकता है। ऐसे में हड़ताल पर जाने का कोई कारण नहीं है। वे इसे लेकर सशंकित हैं.' बैंक कर्मियों ने इस मुद्दे पर शुक्रवार को कामकाज ठप रखा। इस पर अरुंधती ने कहा कि पांच सहायक बैंकों और भारतीय महिला बैंक के एसबीआई में विलय की प्रक्रिया अगले वर्ष मार्च तक पूरी हो जाएगी। उन्होंने कहा, 'बैंकों के विलय की पूरी प्रक्रिया मौजूदा वित्त वर्ष के आखिर तक पूरी हो जाएगी।' एसबीआई में बैंकों के विलय और आईडीबीआई के निजीकरण के विरोध में सरकारी और निजी बैंकों के लाखों कर्मचारियों ने शुक्रवार को देशव्यापी हड़ताल की थी। एसबीआई में यदि स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर और स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद का विलय हो जाता है तो एसबीआई 37 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति वाला एक वृहद प्रतिष्ठान बन जाएगा।

अरुंधती से जब पूछा गया कि केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा देश में सर्वाधिक ऋण मुहैया कराने वाली एसबीआई के पुनर्पूजीकरण के लिए निर्धारित 7,575 करोड़ रुपये की राशि पर्याप्त है तो उन्होंने कहा, 'हर तरह की पूंजी विकास, लाभप्रदता और प्रत्येक तिमाही पर परिवर्तित होने वाले जरूरी प्रावधानों पर निर्भर करता है। हमने वित्तीय सेवा विभाग से हमारी अपेक्षाओं के बारे में चर्चा की है।'

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