नई दिल्ली: पिछले महीने खुदरा मुद्रास्फीति 15 महीने के उच्चतम स्तर 7.44 प्रतिशत पर पहुंच गई है। टमाटर समेत खाने-पीने की चीजों की कीमतों में तेज उछाल के चलते जुलाई 2023 में खुदरा महंगाई दर फिर से बढ़कर लंबी छलांग लगाते हुए 7 फीसदी के पार जा पहुंची है। सीपीआई इंफ्लेशन जुलाई में 7.44 फीसदी रही है जो जून 2023 में 4.81 फीसदी रही थी। जुलाई में खुदरा महंगाई दर आरबीआई के टोलरेंस बैंड के अपर स्लैब 6 फीसदी के पार जा पहुंची है। आंकड़ों के मुताबिक शहरी इलाकों में खुदरा महंगाई दर 7.63 फीसदी रही है, जबकि ग्रामीण इलाकों में 7.20 फीसदी रही है।
सांख्यिकी मंत्रालय ने खुदरा महंगाई दर को लेकर जो डेटा जारी किया है। उसके मुताबिक जुलाई में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर में भारी बढ़ोतरी देखने को मिली है। जुलाई में खाद्य महंगाई दर 11.51 फीसदी रही है जो जून में 4.49 फीसदी रही थी। यानि एक ही महीने में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर में दोगुनी से ज्यादा उछाल देखने को मिली है।
सब्जियों की महंगाई दर में तेज उछाल
जुलाई महीने में सब्जियों की महंगाई दर 37.34 फीसदी रही है जो जून 2023 में -0.93 फीसदी रही थी। यानि साग-सब्जियों की महंगाई दर में 38 फीसदी से ज्यादा का उछाल एक महीने में देखने को मिला है। दालों की महंगाई दर 13.27 फीसदी रही है जो जून में 10.53 फीसदी रही थी। मसालों की महंगाई दर 21.53 फीसदी रही है जो जून में 19.19 फीसदी थी। दूध और उससे जुड़े प्रोडक्टस की महंगाई दर 8.34 फीसदी रही है जो जून में 8.56 फीसदी रही थी। अनाज और उससे जुड़े प्रोडक्ट्स की महंगाई दर 13.04 फीसदी रही है जो जून में 12.71 फीसदी रही थी। ऑयल एंड फैट्स की महंगाई दर -16.80 फीसदी रही है जो जून में -18.12 फीसदी रही थी।
महंगी ईएमआई से राहत पर फिरा पानी
बीते वर्ष मई 2022 में खुदरा महंगाई दर के 7 फीसदी के पार जाने के बाद ही आरबीआई ने पॉलिसी रेट्स यानि रेपो रेट को बढ़ाना शुरू किया। 4 फीसदी से बढ़ाकर रेपो रेट को 6.50 फीसदी कर दिया गया। मई 2023 में जब खुदरा महंगाई दर 4.25 फीसदी पर आ गई थी जो महंगी ईएमआई से राहत की उम्मीद जगी थी। लेकिन फिर से खुदरा महंगाई दर के 7 फीसदी के पार जाने के बाद महंगी ईएमआई से राहत मिलने की उम्मीद फिलहाल के लिए खत्म होती नजर आ रही है। क्योंकि महंगाई दर आरबीआई के टोलरेंस बैंड के ऊपर जा पहुंची है।