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नई दिल्‍ली : केंद्रीय वित्‍तमंत्री निर्मला सीतारमण ने नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन (एनएमपी) प्‍लान की आलोचना के लिए कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष राहुल गांधी पर पलटवार किया है। निर्मला सीतारमण ने सोमवार को नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन प्‍लान की घोषणा की थी, जिस पर राहुल गांधी ने सवाल उठाए थे। कांग्रेस नेता ने कहा था कि इस कदम का उद्देश्य "2-3 निजी खिलाड़ियों" की मदद करना है। राहुल की इस प्रतिक्रिया को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में निर्मला ने कहा, 'क्या राहुल गांधी मौद्रिकीकरण के बारे में जानते हैं? वह कांग्रेस थी जिसने देश के संसाधनों को बेचा और उसमें रिश्वत प्राप्त की। कांग्रेस सरकार ने 8,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे का मौद्रिकीकरण किया, 2008 में नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन के लिए अनुरोध प्रस्ताव आमंत्रित किया गया था।'

गौरतलब है कि नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन प्‍लान बहुत सारे सेक्‍टर्स को कवर करेगा, जिनमें रोड, रेलवे, एयरपोर्ट से लेकर पावर ट्रांसमिशन लाइन्‍स और गैस पाइपलाइंस भी शामिल हैं। इसके तहत भारत सरकार ने अगले चार साल में छह लाख करोड़ रुपये जुटाने का टारगेट तय किया है।

कोरोना के असर से जूझ रही अर्थव्यवस्था में नए निवेश के लिए फंड जुटाने की नई कवायद के तहत इसकी घोषणा की गई है। इस नई कवायद के तहत हर मंत्रालय के लिए सालाना टारगेट तय किए गए हैं। फोकस 12 मंत्रालयों जैसे- सड़क, ट्रांसपोर्ट और राजमार्ग, रेलवे, पॉवर, सिविल एविएशन, पोर्ट, टेलिकॉम जैसे सेक्टरों पर रहेगा। इस योजना के तहत भारतीय रेल के 400 रेलवे स्टेशन, पैसेंजर ट्रेन, रेलवे स्टेडियम की पहचान की गई है। 25 एयरपोर्ट, नौ बड़े पोर्ट और खेल मंत्रालय के अधीन दो बड़े नेशनल स्टेडियम भी चुने गए हैं।

राहुल गांधी ने एनएमपी योजना की आलोचना करते हुए कहा था कि इस कदम का उद्देश्य "2-3 निजी खिलाड़ियों" की मदद करना है। उसने साथ ही भाजपा के इस आरोप का विरोध किया कि कांग्रेस के शासन में भारत में कोई विकास नहीं हुआ। पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार पर हमला करते हुए, राहुल गांधी ने कहा कि इसके परिणामस्वरूप "केवल कुछ व्यवसाय बचे रहेंगे" और रोजगार के अवसर कम हो जाएंगे। उन्‍होंने कहा था, 'मैं युवाओं को बताना चाहता हूं कि देश क्या बेच रहा है और कौन सी संपत्ति किसके पास जा रही है।" राहुल ने कहा, "यह 2 से 3 निजी खिलाड़ियों को बेचा जा रहा है...मैंने कोरोना पर बात की, आप सभी हंसे और आपने देखा, और मैं यह कह रहा हूं कि इसका इस देश के भविष्य पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ेगा।" राहुल गांधी ने "रेलवे की 1.5 लाख करोड़ रुपये" में संपत्ति देने जैसे उदाहरणों का हवाला देते हुए सेक्टर के कर्मचारियों को चेतावनी दी कि इस तरह के कदम का उनके लिए संभावित अर्थ क्या है। इसी तरह उन्होंने "वेयरहाउसिंग पर 29,000 करोड़ रुपये" को लेकर जोर दिया और कहा, "आप जानते हैं कि यह किसके पास जा रहा है... आप सभी जानते हैं कि बंदरगाह और हवाई अड्डे किसे मिल रहे हैं। यह एक कंपनी को जा रहा है।"

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