नई दिल्ली: भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे परियोजना को तेजी से पूरा करने के लिए एक विशेष इकाई (एसपीवी) का गठन किया है। फिलहाल, एनएचएआई भारतमाला परियेाजना चरण-एक के तहत 28,000 किलोमीटर की परियोजनाओं का क्रियान्वयन कर रहा है। इसके तहत दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे मुख्य राजमार्ग गलियारा है। एक बयान में कहा गया है कि एनएचएआई ने दिल्ली-मुंबई ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के लिए वित्तपोषण, निर्माण और परिचालन के लिए एक विशेष कंपनी (एसपीवी) का गठन किया है। इस कंपनी का पंजीकरण 'डीएमई डेवलपमेंट लि. के नाम से किया गया है। यह एनएचएआई के पूर्ण स्वामित्व वाली इकाई होगी।
यह एक्सप्रेसवे आठ लेन का और कुल 1,275 किलोमीटर का होगा। इसे भविष्य में 12 लेन का करने का प्रावधान भी है। इस एक्सप्रेसवे को 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के हिसाब से डिजाइन किया जाएगा। यह देश का सबसे बड़ा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे होगा। बयान में कहा गया है कि इस परियोजना की कुल लागत 82,514 करोड़ रुपए है। इसमें 20,928 करोड़ रुपए की भूमि अधिग्रहण लागत भी शामिल है।
इस परियोजना के महत्व को देखते हुए प्राधिकरण ने पूरी इक्विटी का निवेश खुद करने का फैसला किया है।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय का कहना है कि यह कंपनी इस मार्ग का निर्माण और रखरखाव का काम भी देखेगी। इसके गठन का उद्देश्य परियोजना के लिए निधि जुटाने के साथ ही परियोजना पर ज्यादा प्रभावी और बेहतर तरीके से काम करना है। कंपनी इस ग्रीन एक्सप्रेसवे के लिए वित्तीय सहायता, निमार्ण में सहयोग तथा संचालन का दायित्व निभाएगी। इस एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।