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नई दिल्ली: राष्ट्रीय विमानन कंपनी एयर इंडिया द्वारा अपने कर्मियों को बिना वेतन छुट्टी पर भेजने के फैसले के बाद अब इंडिगो ने भी वित्तीय स्थिति का हवाला देते हुए कर्मियों की छंटनी करने का निर्णय लिया है। इंडिगो एयरलाइंस के सीईओ रॉन्जय दत्ता ने बताया कि कंपनी अपने कार्यबल के 10 फीसदी कर्मचारियों की छंटनी करने जा रही है। बता दें कि कोरोना वायरस के चलते लगाए गए लॉकडाउन से एयरलाइंस कंपनियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। 

देश में 25 मार्च को लॉकडाउन की शुरुआत हुई थी और इससे पहले ही 23 मार्च को सभी अंतरराष्ट्रीय और घरेलू हवाई यात्रा सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। 25 मई से घरेलू हवाई यात्रा सेवा शुरू कर दी गई थी, लेकिन अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा सेवा अभी भी बहाल नहीं हो पाई है। बीते दिनों नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने अंतरराष्ट्रीय कमर्शियल (वाणिज्यिक) उड़ानों पर लगी रोक को 31 जुलाई तक के लिए बढ़ाने का फैसला किया था।  

 

कर्मियों को बिना वेतन अवकाश पर भेज रही है एयर इंडिया 

वहीं, एयर इंडिया ने बीते दिनों कहा था कि उसकी वित्तीय स्थिति काफी चुनौतीपूर्ण स्थिति में है, ऐसे में कंपनी अपने कर्मचारियों को पांच साल के लिए बिना वेतन अवकाश (एलडब्ल्यूपी) पर भेजने का फैसला किया है। एयर इंडिया की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया था कि यह योजना मुख्य रूप से ‘स्वैच्छिक आधार’ पर कर्मचारियों को एलडब्ल्यूपी पर भेजने से संबंधित है।

एयर इंडिया ने मंगलवार को आंतरिक आदेश जारी कर सभी विभागीय प्रमुखों तथा क्षेत्रीय निदेशकों से इस योजना के लिए कर्मचारियों की पहचान करने को कहा था। कर्मचारियों की पहचान दक्षता, स्वास्थ्य और अतिरिक्त संख्या के हिसाब से की जानी है। छांटे गए कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से पांच साल के लिए बिना वेतन अवकाश पर भेजा जाएगा। कंपनी ने कहा था कि एयरलाइन अपने परिचालन को कायम रखने के लिए कई पहल कर रही है।

 

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