नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि बजट में पांच लाख रुपये तक की आय पर आयकर माफ करने के सरकार के फैसले से देश के मध्यवर्ग को लाभ होगा। उन्होंने छोटे किसानों को प्रतिवर्ष 6000 रुपये देने की घोषणा पर विपक्ष द्वारा आलोचना किए जाने पर आड़े हाथों लिया। जेटली ने कहा कि कृपया किसानों के लिए आज घड़ियाली आंसू न बहाएं। जेटली ने एक साक्षात्कार में कहा कि विपक्ष भी इसी तरह की योजना की घोषणा कर सकते हैं। मुझे पूरी उम्मीद है कि अन्य सरकारें भी इस पर विचार करेंगी।
जेटली ने सवालिया लहजे में पूछा कि यूपीए ने 10 वर्ष तक सत्ता में रहने में क्या किया। एक बार किसानों की 70 हजार करोड़ रुपये की कर्जमाफी की घोषणा की लेकिन केवल 52 हजार करोड़ रुपये माफ किए और कैग रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है कि शेष रकम व्यापारियों को दी गई, किसानों को नहीं। यह पूछे जाने पर कि विपक्ष इस बजट को चुनावी बजट करार दे रहा है, इस पर जेटली ने कहा कि 2014 में वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कई उत्पादों पर शुल्क में छूट दी थी। वहीं तर्क आज दिया जा सकता है। बजट संसदीय लोकतंत्र का चुनाव की तरह एक अनिवार्य हिस्सा है।
मध्यवर्ग की क्रय शक्ति बढ़ेगी
जेटली ने कहा, वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने एक अहम घोषणा की, जिसमें पांच लाख रुपये तक कमाने वालों को आयकर से छूट दी गई। इससे देश के मध्यवर्ग को उल्लेखनीय लाभ होगा। उसकी क्रय शक्ति बढ़ेगी, जो देश के भविष्य के लिए मायने रखती है। जेटली अभी इलाज के लिए अमेरिका गए हुए हैं। उनकी जगह गोयल वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाल रहे हैं। जेटली की अनुपस्थिति में गोयल ने ही लोकसभा में 2019-20 का अंतरिम बजट पेश किया।
नीतिगत दिशा में अहम मोड़
जेटली ने कहा, इस बजट ने उस नीतिगत दिशा में एक अहम मोड़ तैयार किया है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने देश को दिया है। चुनावी साल में पेश बजट में सीमित अवधि के लिए लेखानुदान को मंजूरी मिली है। चुनाव बाद सरकार अर्थव्यवस्था की आगे की दिशा तय करेगी। उन्होंने कहा, हमारे पास 2009 और 2014 के उदाहरण हैं जब अंतरिम बजट में कराधान में अहम बदलाव किए गए। -
रोजगार सृजन का भरोसा
रोजगार सृजन पर जारी विवाद को लेकर हैरत जताते हुए जेटली ने कहा, पिछले पांच साल में जीडीपी की 7.5 प्रतिशत की औसत वृद्धि दर देखी गई है। क्या यह संभव है कि नियंत्रित मुद्रास्फीति के साथ उच्च वृद्धि दर के बाद भी रोजगार सृजन नहीं हुआ हो। उन्होंने ईपीएफओ संख्या का जिक्र करते हुए कहा, इनसे रोजगार सृजन के संकेत मिलते हैं। यदि रोजगार सृजन नहीं हुआ होता तो भारी सामाजिक उथल-पुथल देखने को मिलता। जबकि पिछले पांच साल बिना किसी बड़े विरोध प्रदर्शन और आंदोलन के गुजरे हैं।
आर्थिक स्थिरता का समय
जेटली ने देश को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के बारे में कहा, अगले दशक के मध्य तक हम यह लक्ष्य पा लेंगे। उसके बाद अर्थव्यवस्था को दोगुना बनाने का लक्ष्य तय किया जाएगा। उन्होंने यह भी दावा किया कि 2014 से 2019 का समय देश की बृहद आर्थिक स्थिरता के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन वाला समय रहा है।
जीडीपी नोटबंदी से बेअसर
जेटली ने कहा, जीडीपी वृद्धि पर नोटबंदी के तत्काल असर का कोई वैश्विक स्थापित मॉडल नहीं है। पूर्व प्रधानमंत्री का जीडीपी वृद्धि में नोटबंदी से दो प्रतिशत की गिरावट वाले बयान ने सरकार के आलोचकों का ध्यान खींचा। हालांकि न तो 2016-17 और 2017-18 के वास्तविक आंकड़े और न ही संशोधित आंकड़े से यह साबित होता है।
किसानों, गरीबों का हितैषी
इससे पहले जेटली ने कहा, यह बजट बिना किसी शक के वृद्धि के अनुकूल, राजकोषीय नियंत्रण को बढ़ावा देने वाला, किसान हितैषी, गरीब हितैषी है। उन्होंने कहा, 2014 से 2019 के बीच के सारे बजट मध्यवर्ग को राहत देने वाले रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह बजट सरकार के समक्ष पिछले पांच साल के कामकाज की समीक्षा करने और अपने प्रदर्शन को लोगों के सामने रखने का अवसर भी रहा।
पहले से बेहतर हूं, जल्द लौटने की उम्मीद
जेटली खराब सेहत के चलते मोदी सरकार के कार्यकाल का अंतिम बजट पेश नहीं कर पाए केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को संवाददाता से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कहा कि वह अब पहले से काफी बेहतर हैं और उनके जल्द वापस लौटने की उम्मीद है। मोदी सरकार में वित्त मंत्री रहे जेटली पिछले महीने इलाज के लिए न्यूयॉर्क चले गए थे। जेटली को परीक्षण के दौरान सॉफ्ट टिश्यू कैंसर होने का पता चला, जिसके इलाज के लिए सर्जरी की जरूरत होती है। एम्स में 14 मई, 2018 को गुर्दा प्रत्यारोपण सर्जरी के बाद यह जेटली की पहली विदेश यात्रा है।