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नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर मोदी सरकार के लिए अच्छी खबर आई है। अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर विपक्ष के निशाने पर रहने वाली मोदी सरकार के लिए विश्वबैंक ने राहत की खबर दी है। वर्ल्ड बैंक यानी विश्व बैंक ने भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर अनुमान लगाया है, जिसके मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2018-19 में भारत का वृद्धि दर 7.3 फीसदी रह सकता है। विश्व बैंक के मुताबिक भारत की जीडीपी वीत्तीय वर्ष 2018-19 में 7.3 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। वहीं, यह अगले दो वित्तीय वर्षों में 7.5 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी।

विश्व बैंक ने यह भी कहा है कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था वाला देश है। विश्व बैंक के मुताबिक, चीन का वृद्धि दर 2019 और 2020 में 6.2 प्रतिशत ही रहने की उम्मीद है। इतना ही नहीं, 2021 में विश्व बैंक ने चीन के विकास दर का अनुमा्न 6 फीसदी लगाया है। यह आंकड़ा मंगलवार को वर्ल्ड बैंक द्वारा जारी ग्लोबल इकॉनोमिक प्रोसपेक्टस रिपोर्ट पर आधारित है। दरअसल, वर्ल्ड बैंक ने अपनी इस रिपोर्ट में नोटबंदी और जीएसटी का भी जिक्र किया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि जीएसटी और नोटबंदी के कारण अस्थायी मंदी के बाद अर्थव्यवस्था में फिर से तेजी आ रही है। इससे पहले केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने सोमवार को कहा कि, कृषि और विनिर्माण क्षेत्र के प्रदर्शन में सुधार की बदौलत चालू वित्त वर्ष 2018-19 में भारतीय अर्थव्यवस्था की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इससे पिछले वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रही थी। हालांकि, सीएसओ का चालू वित्त वर्ष की वृद्धि दर का अनुमान वर्ष के लिए रिजर्व बैंक के 7.4 प्रतिशत के अनुमान से कम है।

सीएसओ ने सोमवार को कहा कि कृषि और विनिर्माण क्षेत्र के प्रदर्शन में सुधार से चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर पिछले वित्त वर्ष की तुलना में बेहतर रहने का अनुमान है। सीएसओ ने 2018-19 के राष्ट्रीय आय का पहला अग्रिम अनुमान जारी करते हुए कहा, ‘‘2018-19 में जीडीपी की वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो 2017-18 में 6.7 प्रतिशत रही थी।'' इससे पहले 2016- 17 में जीडीपी वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत और उससे पहले 2015-16 में 8.2 प्रतिशत रही थी।

इसमें कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष में वास्तविक सकल मूल्य वर्द्धन (जीवीए) 7 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो 2017-18 में 6.5 प्रतिशत रहा था। सीएसओ के आंकड़ों के अनुसार कृषि, वन और मत्स्यपालन जैसी गतिविधियों की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 3.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 3.4 प्रतिशत रही थी। वहीं, विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 2017-18 के 5.7 प्रतिशत से बढ़कर 2018-19 में 8.3 प्रतिशत पर पहुंचने का अनुमान है। हालांकि, वित्त वर्ष के दौरान खनन और संबद्ध क्षेत्र की वृद्धि दर घटकर 0.8 प्रतिशत पर आने का अनुमान है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 2.9 प्रतिशत रही थी।

इसी तरह व्यापार, होटल, परिवहन, संचार और प्रसारण से संबंधित सेवाओं की वृद्धि दर पिछले वित्त वर्ष के 8 प्रतिशत से घटकर चालू वित्त वर्ष में 6.9 प्रतिशत पर आने का अनुमान है। इसी तरह लोक प्रशासन, रक्षा और अन्य सेवाओं की वृद्धि दर पिछले वित्त वर्ष के 10 प्रतिशत से घटकर 8.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। बिजली, गैस, जलापूर्ति एवं अन्य सेवाओं की वृद्धि दर 2018-19 में 9.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो पिछले वित्त वर्ष में 7.2 प्रतिशत रही थी। इसी तरह निर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर के 8.9 प्रतिशत पर पहुंच जाने का अनुमान सीएसओ ने लगाया है, जो पिछले वित्त वर्ष में 5.7 प्रतिशत थी। वित्तीय, रीयल एस्टेट और पेशेवर सेवाओं की वृद्धि दर बढ़कर 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो 2017-18 में 6.6 प्रतिशत थी।

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