नई दिल्ली: जीएसटी काउंसिल की शनिवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में हुई बैठक में आम आदमी को बड़ी राहत दी गई है। बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि जीएसटी परिषद ने 23 वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी कर की दरों में कमी की है। इससे राजस्व पर 5,500 करोड़ रुपये का प्रभाव पड़ेगा। जेटली ने बताया, बैंकों द्वारा प्राथमिक बचत खातों, प्रधानमंत्री जनधन योजना के खातों पर दी जाने वाली सेवाओं को जीएसटी से मुक्त किया गया है। इसके अलावा सिनेमा के 100 रुपये तक के टिकट पर अब 18 प्रतिशत की बजाय 12 प्रतिशत की जीएसटी; 100 रुपये से ऊपर के टिकट पर 28 प्रतिशत की बजाय 18 फीसदी की जीएसटी दर लगेगी।
जेटली ने कहा कि जीएसटी परिषद एक केंद्रीकृत अग्रिम निर्णय प्राधिकरण गठित के प्रस्ताव पर सहमत हुई है। साथ ही नई जीएसटी दरें 1 जनवरी 2019 से लागू होंगी। आपको बता दें कि अभी तक 39 वस्तुओं पर 28 फीसदी टैक्स लगता था, जिसे अब घटाकर 34 कर दिया गया है, यानि 5 अन्य उत्पादों को 28 फीसद की अधिकतम जीएसटी दर से बाहर किया गया है। लग्जरी वस्तुओं और तंबाकू-सिगरेट को छोड़कर रोजमर्रा की सभी वस्तुओं को 18 फीसदी या उससे भी कम जीएसटी के दायरे में लाया गया है।
रोजमर्रा की इन वस्तुओं में कंप्यूटर मॉनिटर, पावर बैंक, यूपीएस, टायर, एसी, डिजिटल कैमरा, वॉशिंग मशीन और पानी गर्म करने वाला हीटर शामिल है। सीमेंट को 18 फीसदी के दायरे में लाया गया है। दरअसल सीमेंट पर 28 प्रतिशत की दर होने से कालाबाजारी में बढ़ोत्तरी हो रही है। ऐसे में दरों के कम करने से फर्क पड़ेगा और बिक्री का आंकड़ा बढ़ने से राजस्व समान रहने की उम्मीद सरकार को है। सूत्र बताते हैं कि सीमेंट की कालाबाजारी से सरकार को करीब 7 हजार करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होता था।
इससे पहले शनिवार सुबह विज्ञान भवन में शुरू हुई जीएसटी काउंसिल की 31वीं बैठक की अध्यक्षता वित्त मंत्री अरुण जेटली ने की। जीएसटी परिषद पिछले कुछ समय से 28 फीसदी के स्लैब को लगातार घटा रही है। आज भी उम्मीद की जा रही थी कि 28 फीसदी के स्लैब में से कई और चीजों का हटाया जा सकता है। लिस्ट में सबसे ऊपर सीमेंट का नाम था, जिसपर अभी 28 फीसदी टैक्स लगता है।
बैठक के बाद पुडेचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने बताया कि आम आदमी की रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली 33 वस्तुओं पर जीएसटी की दर 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत और 5 प्रतिशत कर दी गई है। नारायणसामी ने कहा कांग्रेस की मांग थी कि लग्जरी उत्पादों को छोड़कर अन्य सभी प्रोडक्ट पर जीएसटी की दर कम करके 18 प्रतिशत और उससे नीचे की जाए। सरकार इससे सहमत भी है।
सिर्फ 34 उत्पादों को छोड़कर बाकी सभी को 18 या उससे कम की जीएसटी दर में रखा गया है। हालांकि अभी यह साफ नहीं हो सका है कि किस प्रोडक्ट पर अब कितना जीएसटी लगेगा।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि 1,200 से अधिक वस्तुओं और सेवाओं में से 99 प्रतिशत पर 18 प्रतिशत या उससे कम जीएसटी लगेगा। एक अधिकारी ने कहा था कि वाहन के टायरों पर 28 प्रतिशत जीएसटी से आम आदमी प्रभावित हो रहा है। ऐसे में जीएसटी परिषद का मुख्य ध्यान आम आदमी पर जीएसटी का बोझ कम करने पर रहा।
गौरतलब है कि इससे पहले करीब दो साल में 30 बार हुई जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में 979 फैसले लिए गए हैं। जीएसटी परिषद में राज्यों के वित्त मंत्री और केंद्रीय मंत्री शामिल होते हैं। जीएसटी परिषद का गठन 15 सितंबर 2016 को किया गया था।