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नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने पूंजी संकट से जूझ रहे सरकारी बैंकों को वित्त वर्ष के बाकी तीन महीनों में 83 हजार करोड़ रुपये की पूंजी मुहैया कराएगी। जेटली ने कहा कि इससे बैंकों के पास कर्ज बांटने के लिए ज्यादा पूंजी उपलब्ध रहेगी। सरकार ने गुरुवार को अनुपूरक अनुदान मांग की दूसरी किस्त के जरिये सरकारी बैंकों में 41,000 करोड़ रुपये की पूंजी डालने के लिये संसद की मंजूरी मांगी। यह रकम वित्त वर्ष में बैंकों को मुहैया कराई जाने वाले 65 हजार करोड़ रुपये से अलग होगी। इस तरह वित्त वर्ष में सरकारी बैंकों को कुल कुल 1.06 लाख करोड़ रुपये की पूंजी मिलेगी।

जेटली ने कहा कि पूंजी डाले जाने से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की कर्ज देने की क्षमता बढ़ेगी और आरबीआई के तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) रूपरेखा से बाहर निकलने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में फंसे कर्ज (एनपीए) की पहचान का काम पूरा हो चुका है और इसकी वसूली भी तेज हो गई है। गौरतलब है कि सरकार ने गुरुवार को 2018-19 की पूरक अनुदान मांगों के दूसरे बैच के तहत 85,948.86 करोड़ रूपये के सकल अतिरिक्त व्यय को अधिकृत करने के लिए संसद का अनुमोदन मांगा, जिसमें से करीब 15,000 करोड़ रुपये शुद्ध नकद व्यय है।

बैंक कर्ज के अंकुश से बाहर निकल सकेंगे

जेटली ने कहा कि इस मदद से बैंकों को कर्ज में अंकुश की प्रणाली त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) ढांचे से बाहर आने में मदद मिलेगी। अभी 21 में से 11 सरकारी बैंकों पर आरबीआई ने पीसीए के तहत अंकुश लगा रखा है। सरकार बैंकों को पीसीए से बाहर लाने के लिए आरबीआई के भी संपर्क में है।

दो लाख करोड़ से ज्यादा की मदद का ऐलान

पहले ही सरकार ने पिछले साल अक्तूबर में सरकारी बैंकों 2.11 लाख करोड़ रुपये की पूंजी मुहैया कराने का ऐलान किया था। इसमें बजटीय आवंटन 18 हजार 135 करोड़ रुपये, 1.35 लाख करोड़ बॉंड से और 58 हजार करोड़ बैंकों को बाजार से जुटाने थे। लेकिन भारी एनपीए से जूझ रहे बैंक बाजार से रकम नहीं जुटा पाए और सरकार को और मदद की घोषणा करनी पड़ी।

एयर इंडिया को 2303 करोड़ रुपये की मदद

सरकार ने कर्ज में डूबी एयर इंडिया में भी 2303 करोड़ रुपये की पूंजी डालने का फैसला किया है। इसके लिए अनुपूरक अनुदान मांगों के जरिये संसद से मंजूरी मांगी है। इस पूंजी से सरकारी एयरलाइन को कर्ज चुकाने में मदद मिलेगी। इससे पहले सितंबर में एयर इंडिया को 837 करोड़ रुपये की मदद दी गई थी। सूत्रों का कहना है कि सरकार एयरलाइन इंडस्ट्री के लिए एक राहत पैकेज पर भी काम कर रही है। गौरतलब है कि सरकार ने जून-जुलाई में एयर इंडिया के विनिवेश का प्रयास किया था, लेकिन किसी भी निवेशक या कंपनी ने इसमें रुचि नहीं दिखाई।

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