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नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया। हाल में केंद्रीय बैंक की स्वायत्ता को लेकर उनके और सरकार के बीच तनाव पैदा हो गया था। एक संक्षिप्त बयान में पटेल ने कहा कि उन्होंने तत्काल प्रभाव से अपना पद छोड़ने का निर्णय किया है। उन्होंने अपने इस्तीफे का कारण नहीं बताया है। पटेल आरबीआई के 24वें गवर्नर थे। उन्हें सितंबर 2016 में तीन साल के लिए इस पद पर गवर्नर नियुक्त किया गया था। उन्होंने रघुराम राजन की जगह ली थी।

इस्तीफा देने के बाद उर्जित पटेल ने कहा- व्यक्तिगत कारणों के चलते मैने वर्तमान पद (आरबीआई के गवर्नर) से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देने का फैसला किया। वर्षों तक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के अलग पदों पर काम करना मेरे लिए सम्मान की बात रही है। बता दें कि पिछले महीने सरकार और आरबीआई के बीच कई मांगों को लेकर खींचतान चली। इनमें वित्तीय घाटे को नियंत्रण में रखने के लिए केन्द्रीय बैंक रिजर्व राशि के बड़े हिस्से को सरकार को हस्तांतरित करना और बाजार में और तरलता लाना शामिल है। सरकार और आरबीआई के बीच विवाद 26 अक्टूबर को केन्द्रीय बैंक के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य के मुंबई में एडी श्रॉफ मेमोरियल व्याख्यान में खुलकर सामने आ गया।

आचार्य ने अपने भाषण में कहा, 'जो सरकार केन्द्रीय बैंक की स्वायत्तता का सम्मान नहीं करती उसे देर-सबेर वित्तीय बाजार के आक्रोश का सामना करना पड़ता है और बड़ी आर्थिक दुश्वारियां पेश आती हैं।'

आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने मंगलवार को सरकार द्वारा सावधानीपूर्वक विश्लेषण किए बिना केन्द्रीय बैंक के आपात रिजर्व को लेने के प्रति आगाह किया था। इसके बाद भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के निदेशक मंडल ने 9.69 करोड़ रुपये की अधिशेष पूंजी से संबंधित मुद्दे की जांच परख के लिए एक उच्चस्तरीय विशेषज्ञ समिति के गठन का फैसला किया। साथ ही सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र में फंसी परिसंपत्तियों के पुनर्गठन के लिए भी एक योजना पर विचार करने की भी सलाह दी है।

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