नई दिल्ली: जीडीपी आंकड़ों को लेकर छिड़े विवाद पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस पर पलटवार किया है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि कांग्रेस पार्टी विरोधाभासी बातें कर रही है। वित्त मंत्री ने कहा कि जब नए मापदंडों पर जीडीपी डेटा के नए सीरीज की शुरुआत हुई तो यूपीए सरकार के आखिर दो वर्ष भी दायरे में आए थे। उन्होंने इसे लेकर एक प्रेस कांफ्रेंस भी की। इस दौरान उन्होंने कहा कि जीडीपी के नए आंकड़े पहले की तुलना में ज्यादा सही हैं।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कल सीएसओ में अपने न्यू जीडीपी सीरीज के बेसिस पर 2004-05 से लेकर 2011-12 तक अपने रिविजन सार्वजनिक किए हैं। फरवरी 2015 में उन्होंने अपना न्यू फॉरमूलेशन किया था, इसपर न्यू जीडीपी सीरीज बनाई गई थी। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि नए सीरीज में जो चीजें शामिल की गई उसका विस्तार किया गया और विश्व में जो सबसे अच्छे मापदंड हैं उसके मुताबिक इसको किया गया। तब से लेकर आजतक न्यू जीडीपी सीरीज ही लागू किया गया।
उस वक्त जब नया जीडीपी लागू किया गया था तो यूपीए के अंतिम दो वर्ष को इस सीरीज में शामिल किया गया था और उसकी ग्रोथ को बढ़ाया गया था। इसलिए न्यू जीडीपी सीरीज का उन्होंने स्वागत किया था। वित्त मंत्री ने कहा कि आंकड़ों को मापने के दो मापदंड तो हो नहीं सकते।
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि यह जिम्मेवारी की राजनीति नहीं है। सीएसओ एक बड़ी जिम्मेदारी वाली संस्था है। उसके आंकड़े तथ्यों के आधार पर होते हैं। आज यह साबित होता है कि 2004 से लेकर 2018 तक अर्थव्यवस्था की वास्तविक स्थिति क्या थी।
बता दें कि इससे पहले पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने एक के बाद एक कई सारे ट्वीट करके पीएम मोदी और नीति आयोग पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट किया था कि नीति आयोग के संशोधित जीडीपी आंकड़े एक मजाक हैं। असल में वे एक बुरे मजाक से भी बदतर हैं। यह चालाकी के तहत किया गया है। अब समय आ गया है कि नीति आयोग को बंद कर दिया जाए। साथ ही उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा था कि पहले आंकड़ों की गणना राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग करता था। क्या आयोग को भंग कर दिया गया? बुधवार को जारी संशोधित आंकड़ों के मुताबिक 2005-06 के बीच जिस विकास दर को 8 फ़ीसदी से ऊपर माना जा रहा था, वह दरअसल 6.7 फ़ीसदी रही है।