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मुंबई: केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि केंद्र को अगले छह महीनों तक आरबीआई से पैसे की जरूरत नहीं है। उन्होंने विपक्ष के उन आरोपों को खारिज किया कि सरकार अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले अपनी योजनाओं के वित्तपोषण के लिए केंद्रीय बैंक के रिजर्व का इस्तेमाल करने की मांग कर रही है। जेटली ने शुक्रवार को एक टीवी चैनल से बातचीत के दौरान कहा, 'मुझे अगले छह महीने तक पैसे की जरूरत नहीं है। जेटली ने कहा कि वह आरबीआई के स्वायत्तता का सम्मान करते हैं।

बयान में जेटली ने कहा, 'हम आरबीआई की स्वायत्तता का सम्मान करते हैं, लेकिन अगर कुछ सेक्टरों में नकदी की कमी है, तो हम उन मुद्दों को उठाने से नहीं चूकेंगे। हम आरबीआई के समक्ष भी ये मुद्दे उठाएंगे।' बता दें कि आलोचकों ने सरकार पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की स्वायत्तता को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया है।

गौर हो कि केंद्र सरकार लगातार आरबीआई के सरप्लस रिजर्व को ट्रांसफर करने का केंद्रीय बैंक पर दबाव बना रही है, जिसकी वजह से बैंक के बोर्ड ने एक एक्सपर्ट कमिटी बनाने का फैसला किया है, जो यह तक करेगा कि आरबीआई के पास मौजूदा रिजर्व पर्याप्त है या नहीं। पिछले सप्ताह आरबीआई के बोर्ड की बैठक हुई थी, जिसमें केंद्र सरकार के नामित सदस्य भी शामिल हुए थे।

बोर्ड ने आरबीआई को छोटी कंपनियों की सहायता करने और आम चुनाव से पहले बैंकों द्वारा कर्ज देने को उत्साहित करने को लेकर कैपिटल नॉर्म्स सेट अप करने के लिए अधिक समय देने और अर्थव्यवस्था को सहारा देने का सुझाव दिया।

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