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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि देश की अर्थव्यवस्था के सामने अब चुनौती वृद्धि दर को दहाई अंक तक पहुंचाने की है, जिसके लिए ‘कई और महत्वपूर्ण कदम उठाने होंगे।’ मोदी आज यहां राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक केंद्र में नीति आयोग की संचालन परिषद की चौथी बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बीते वित्त वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था ने मजबूत 7.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है और ‘‘अब चुनौती इस वृद्धि दर को दहाई अंक में ले जाने की है।’’

उन्होंने कहा कि 2022 तक न्यू इंडिया का सपना अब हमारे देश के लोगों के का एक संकल्प है। मोदी ने इसी संदर्भ में आज की बैठक के एजेंडा में शामिल मुद्दों का जिक्र किया। इसमें किसानों की आय को दोगुना करना, विकास की आस में बैठे (अपेक्षाकृत पीछे रह गए) जिलों का विकास, आयुष्मान भारत, मिशन इंद्रधनुष, पोषण मिशन और महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती का उल्लेख किया। इससे पहले नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने मुख्यमंत्रियों और अन्य प्रतिनिधियों का स्वागत किया। सत्र का संचालन गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने किया।

बैठक में मुख्यमंत्रियों तथा अन्य प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए मोदी ने जोर देकर कहा कि संचालन परिषद ऐसा मंच जो ‘ऐतिहासिक बदलाव’ ला सकता है। उन्होंने बाढ़ प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को बाढ़ से उत्पन्न स्थित से निपटने में हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि नीति आयोग की संचालन परिषद ने राजकाज से जुटे जटिल मुद्दों को ‘टीम इंडिय’ के रूप में ‘‘सहयोगपूर्ण, प्रतिस्पर्धापूण संघवाद की भावना के साथ लिया है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का लागू होना टीम इंडिया की इस भावना का एक जीता जागता उदाहरण है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने उप समूहों और समितियों में अपने कार्यों के जरिये स्वच्छ भारत मिशन , डिजिटल लेनदेन और कौशल विकास जैसे मुद्दों पर नीतियां बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मोदी ने कहा कि आयुष्मान भारत कार्यक्रम के तहत 1.5 लाख चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा केंद्र बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत 10 करोड़ गरीब परिवारों को पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा संरक्षण उपलब्ध कराया जाएगा।

मोदी ने कहा कि समग्र शिक्षा अभियान के तहत शिक्षा के लिए एक समग्र दृष्टिकोण अपनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मुद्रा योजना, जनधन योजना और स्टैंड अप इंडिया जैसी योजनाओं से वित्तीय समावेशन बढ़ाने में मदद मिल रही है। उन्होंने कहा कि प्राथमिकता के आधार पर आर्थिक असंतुलन को दूर करना बहुत जरूरी है। मोदी ने जोर देकर कहा कि विकास का इंतजार कर रहे 115 पिछड़े जिलों में मानव विकास के सभी पहलुओं और मानदंडों सुधारने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि ग्राम स्वराज अभियान इन योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए एक नए मॉडल के रूप में उभरा है। इसका विस्तार पिछड़े जिलों के 45,000 गांवों में किया जा चुका है। प्रधानमंत्री ने कहा कि क्षमता और संसाधनों की किसी तरह की कमी नहीं है और चालू वित्त वर्ष में राज्यों को केंद्र से 11 लाख करोड़ रुपये मिलेंगे , जो पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल के आखिरी साल की तुलना में छह लाख करोड़ रुपये अधिक है।

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