नई दिल्ली: बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि के फूडपार्क को ग्रेटर नोएडा में बनने को रद्द किए जाने की बात पर यूपी के सीएम योगी ने सिरे से खारिज कर दिया है। बालकृष्ण के बयान के बाद योगी आदित्यनाथ ने खुद इस मसले को लेकर बाबा रामदेव से फोन पर बात की। इस दौरान राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बातचीत कर आश्वासन दिया है कि फूड पार्क यूपी से बाहर नहीं जाएगा और इस मामले को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा। इसी बीच खबर मिली है कि अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय के मुताबिक, यमुना एक्सप्रेस-वे में पतंजलि आयुर्वेद को आवंटित की गई जमीन रद्द नहीं की गई है।
गौरतलब है कि जमीन रद्द होने की बात से इनकार तब किया गया है जब आचार्य बालकृष्ण ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी थी। बता दें कि आचार्य बालकृष्ण ने कहा था कि कि राज्य सरकार के 'निराशाजनक रवैये' की वजह से उन्हें इस प्लांट को बाहर ले जाने का फैसला लेना पड़ा है। बालकृष्ण ने कहा, 'पतंजलि उत्तर प्रदेश सरकार के निराशाजनक रवैये की वजह से प्रस्तावित फूड पार्क को राज्य से बाहर ले जाएगी।'
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के बर्ताव की वजह से किसानों की जिंदगी में कोई सुधार नहीं लाया जा सका। उन्होंने देर शाम ट्वीट करते हुए कहा था, आज ग्रेटर नोएडा में केन्द्रीय सरकार से स्वीकृत मेगा फूड पार्क को निरस्त करने की सूचना मिली।
आपको बता दें कि 2016 में पतंजलि ग्रुप यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी में 465 एकड़ जमीन अलॉट की गई थी। इसमें से 50 एकड़ जमीन पतंजलि ग्रुप मेगा फूड पार्क के लिए ट्रांसफर करवाना चाहता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मेगा फूड पार्क के लिए जमीन ट्रांसफर होने से भारत सरकार की योजना के मुताबिक कंपनी को छूट मिल सकती है। औद्योगिक विभाग का कहना है कि पतंजलि को जमीन देने का फैसला कैबिनेट में लिया गया था। लिहाजा उसी जमीन में से 50 एकड़ जमीन को ट्रांसफर कराने के लिए कैबिनेट में ले जाना होगा, जिसकी प्रक्रिया चल रही है। वहीं ये भी कहा गया है कि अगली कैबिनेट में जमीन के ट्रांसफर के प्रस्ताव को रखा जाएगा।
गौरतलब है कि फूडपार्क की मनाही को लेकर बाबा रामदेव के नेतृत्व वाले पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ने प्रदेश में प्रस्तावित पतंजलि फूड पार्क को अब कहीं और शिफ्ट करने की बात कही है।