ताज़ा खबरें
संसद में अडानी और संभल पर हंगामा,दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित
किसान आंदोलन: एसकेएम नेता डल्लेवाल को पुलिस ने हिरासत मे लिया
कन्नौज में एक्सप्रेस-वे पर दुर्घटना, सैफई में तैनात पांच डॉक्टरों की मौत

नई दिल्ली: राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) और इसकी सहयोगी रिलायंस इन्फ्राटेल और रिलायंस टेलिकॉम के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया पर बुधवार को सशर्त रोक लगा दी। इसके साथ ही इन कंपनियों को अपनी संपत्तियों को रिलायंस जियो को बेचने की अनुमति दी गई है। एनसीएलटी ने आरकॉम व इसकी सहयोगी कंपनियों से एरिक्सन इंडिया को 550 करोड़ रुपये का भुगतान 120 दिन में करने को कहा है। ऐसा नहीं होने पर कंपनी के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया का निर्देश दिया जाएगा। यह 120 दिन की अवधि एक जून से शुरू होगी।

एनसीएलएटी के इस कदम को कर्ज के बोझ से दबी, अनिल अंबानी की अगुवाई वाली आरकॉम के लिए बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है। कंपनी अपनी संपत्तियां रिलायंस जियो को बेचकर 25,000 करोड़ रुपये हासिल करने की उम्मीद कर रही है। एनसीएलएटी के चेयरमैन की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ ने आरकॉम के चेयरमैन/प्रबंध निदेशक को इस राशि के भुगतान के बारे में हलफनामा देने को कहा है। एरिक्सन इंडिया को भी यह पेशकश स्वीकार करने का एक हलफनामा देना होगा।

उल्लेखनीय है कि आरकॉम ने अपने परिचालन कर्जदाता एरिक्सन का बकाया चुकाने के लिए 500 करोड़ रुपये के अग्रिम भुगतान की पेशकश कल की थी। एरिक्सन ने इस कंपनी के खिलाफ दिवाला और ऋणशोधन अक्षमता आदेश हासिल किया है। राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) में सुनवाई के दौरान आरकॉम की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने अग्रिम भुगतान का सुझाव रखा। इस पर एनसीएलएटी के चेयरमैन से न्यायाधीश एस जे मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली पीठ ने कंपनियों से आपसी सहमति से मामले को सुलझाने को कहा।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख