नई दिल्ली: बैंक कर्मचारियों की वेतन वृद्धि को लेकर हड़ताल के कारण देशभर में बैंक सेवाएं दूसरे दिन गुरुवार को भी ठप रही। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंकिंग यूनियन ( यूएफबीयू) के आह्वान पर करीब 10 लाख बैंक कर्मचारी भारतीय बैंक संघ (आईबीए) के वेतन में केवल 2 प्रतिशत वृद्धि के प्रस्ताव के विरोध में दो दिन की हड़ताल पर रहे। यूएफबीयू में बैंक क्षेत्र के सभी 9 यूनियन शामिल हैं। शुक्रवार से बैंकों में कामकाज सामान्य होने की उम्मीद है।
यूएफबीयू ने दावा किया कि हड़ताल पूरी तरह सफल रही। सभी बैंक और उसकी सभी शाखाओं में कर्मचारियों ने हड़ताल में हिस्सा लिया। यूएफबीयू की तरफ से मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरू, हैदराबाद, अहमदाबाद, जयपुर, पटना, नागपुर, जम्मू, गुवाहाटी, जमशेदपुर, लखनऊ, आगरा, अंबाला और तिरूवनंतपुरम से आई खबरों के अनुसार सभी बैंकों एवं शाखाओं के कर्मचारियों ने उत्साह के साथ हड़ताल में हिस्सा लिया और रैलियां निकाली। देशभर से मिली खबरों के मुताबिक अधिकांश एटीएम खाली रहे।
21 बैंकों की 85 हजार शाखाएं
देश भर में सार्वजनिक क्षेत्र के 21 बैंकों की करीब 85 हजार शाखाएं हैं और कारोबार हिस्सेदारी करीब 70 प्रतिशत है। हालांकि आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक जैसे नई पीढ़ी के निजी क्षेत्र के बैंकों में चैक के समाशोधन जैसे कुछ कार्यों को छोड़कर कामकाज सामान्य चलता रहा। यूएफबीयू से जुड़े अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ ने बयान में कहा था कि कम वेतन वृद्धि के प्रस्ताव के विरोध में 21 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, 13 पुरानी पीढ़ी के निजी बैंकों, छह विदेशी बैंकों और 56 ग्रामीण बैंकों की शाखाओं में काम करने वाले करीब 10 लाख कर्मचारी हड़ताल पर हैं।
बैंक क्षेत्र से जुड़े सूत्रों और कर्मचारी संगठन के अनुसार हड़ताल के महीने के आखिर में पड़ने से बैंक शाखाओं से वेतन की निकासी प्रभावित हुई है और यह स्थति गुरुवार को भी बनी रह सकती है। इस दौरान जमा, एफडी नवीकरण, सरकारी बांड संबंधित गतिविधियां और मुद्रा बाजार से जुड़े कामकाज प्रभावित हुए हैं। इस महीने वेतन वृद्धि को लेकर बातचीत में आईबीए ने बैंक कर्मचारियों को नाममात्र वेतन वृद्धि का प्रस्ताव किया। आईबीए ने पिछले कुछ तिमाहियों से बैंकों को होने वाले नुकसान का हवाला देते हुए यह प्रस्ताव किया। वेतन समीक्षा नवंबर 2017 से लंबित है।