नई दिल्ली: केंद्र सरकार वित्तीय वर्ष 2017-18 की आखिरी तिमाही (जनवरी-मार्च) की आर्थिक विकास दर के आंकड़े गुरुवार को जारी करेगी। 55 अर्थशास्त्रियों के अनुमान के आधार पर इसके 7.3 फीसदी रहने का अनुमान है। कई अर्थशास्त्रियों ने 7.5 से 7.7 फीसदी का भी आंकड़ा दिया है। अगर साबित हुआ तो यह नवंबर 2016 में नोटबंदी के बाद सबसे तेज विकास दर होगी।
नोटबंदी के बाद अप्रैल-जून 2017 की तिमाही में आर्थिक विकास दर 5.7 प्रतिशत तक गिरी थी। आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने भी विकास दर 7.3 से 7.5 फीसदी के बीच रहने का अनुमान जताया है। यह अक्तूबर-दिसंबर 2017 की तिमाही के 7.2 प्रतिशत से ज्यादा रहेगी। रोबोबैंक के अनुसार, भारत की घरेलू अर्थव्यवस्था के मानक बेहद मजबूत हैं और बाहरी उथल-पुथल का ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। सबसे तेज अर्थव्यवस्था अगर जीडीपी विकास दर अनुमान के आसपास भी रहती है, तो भारत चीन को पीछे रखते हुए दुनिया में सबसे तेज विकास दर वाला देश बना रहेगा।
चीन की विकास दर जनवरी-मार्च तिमाही में 6.8 फीसदी रही है।
मूडीज ने अनुमान घटाया र्रेंटग एजेंसी मूडीज ने वर्ष 2018 में भारत की विकास दर का अनुमान 7.5 से घटाकर 7.3 फीसदी कर दिया है। कच्चे तेल की ऊंची कीमतों को देखते हुए मूडीज ने अनुमान घटाया है। उसने 2019 में भारत की विकास दर को 7.5 फीसदी पर बनाए रखा।