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नई दिल्ली: सरकारी बैंकों के प्रबंधन भारतीय बैंक संघ के दो फीसदी वेतन इजाफे के प्रस्ताव के विरोध में बैंक कर्मियों की दो दिवसीय हड़ताल बुधवार से शुरु हो गई। इसके चलते देशभर के सरकारी बैंकों में बैंकिंग सेवाएं बाधित रहीं। हालांकि आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक और एक्सिस बैंक जैसे प्राइवेट बैंकों में काम सामान्य तौर पर चल रहा है। सिर्फ चेक से संबंधित कुछ सेवाएं बाधित हुई हैं। हड़ताल महीने के आखिर में पड़ने से सैलरी का इंतजार भी बढ़ गया है। वहीं, कुछ एटीएम मशीनों के भी कैशलेश होने की संभावना है। इसके अलावा शाखाओं में डिपोजिट, एपडी रिन्यू, सरकारी खजाने से जुड़े काम और व्यापार से जुड़े इत्यादि अन्य कामों पर इस हड़ताल का असर देखा जा सकता है।

अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ के महासचिव सीएच वेंकटाचलम ने कहा कि बैंक और उनके कर्मचारी संघों के बीच कई दौर की वार्ताओं के विफल होने के बाद यूनियन फोरम ऑफ बैंकिंग यूनियन (यूएफबीयू) ने प्रस्तावित दो फीसदी वेतन में इजाफे के विरोध में दो दिन की हड़ताल पर जाने का फैसला किया, क्योंकि पिछली बार 15 फीसदी वेतन वृद्धि दी गई थी। यूएफबीयू नौ बैंकों के कर्मचारी संघों का सम्मिलित संगठन है।

अखिल भारतीय बैंक अधिकारी परिसंघ (एआईबीओसी) के संयुक्त महासचिव रविंद्र गुप्ता ने कहा, 'इस तरह की वेतन वृद्धि का प्रस्ताव, एक तरह से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मियों का अपमान है। हमारे पास हड़ताल पर जाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा था।'

बता दें, देश में 21 सरकारी बैंकों की करीब 85,000 शाखाएं हैं जिनकी बाजार हिस्सेदारी करीब 70 प्रतिशत है। इस हड़ताल में शामिल होने की जानकारी भारतीय स्टेट बैंक , पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा समेत अधिकतर बैंकों ने पहले ही दे दी थी।

20,000 करोड़ रुपये के लेनदेन पर असर:

एसोचैम सार्वजनिक बैंकों के कर्मचारियों की दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल से 20,000 करोड़ रुपये के ग्राहक लेनदेन प्रभावित हो सकते हैं। उद्योग संगठन एसोचैम ने यह बात कही। साथ ही उसने बैंक कर्मचारी संघों के संयुक्त मोर्चे यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) से हड़ताल वापस लेने का आग्रह किया है। एसोचैन ने बयान में कहा कि सार्वजनिक बैंक डूबे कर्ज की मार झेल रहे हैं। रिपोर्टों के मुताबिक उनका घाटा मार्च 2018 तिमाही में बढ़कर 50,000 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने को है , जो कि इससे पिछली तिमाही में हुए घाटे 19,000 करोड़ रुपये के दोगुने से अधिक है।

राजस्थान: 30 हजार बैंक कर्मचारी भी हड़ताल पर

राजस्थान की विभिन्न बैंकों के 30 हजार कर्मचारियों ने भी दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल में हिस्सा लिया। हड़ताल से बैंकिग सेवाएं प्रभावित हुई हैं। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के राजस्थान संयोजक महेश मिश्रा ने दावा किया कि बैंकिग हड़ताल से प्रदेश में प्रतिदिन करीब 10 हजार करोड़ रूपये का लेन-देन प्रभावित होगा। उन्होंने बताया कि देशव्यापी हड़ताल के समर्थन में प्रदेश में विभिन्न बैंकों की लगभग 5 हजार 500 शाखाएं बंद हैं और बैंकों के 30 हजार कर्मचारी हड़ताल पर हैं।

एमपी: 5,000 शाखाओं में कामकाज ठप

दो दिवसीय हड़ताल का मध्य प्रदेश की करीब 5,000 बैंक शाखाओं में बड़ा असर देखा जा रहा है। युनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) की मध्यप्रदेश इकाई के संयोजक एमके शुक्ल ने बताया कि हड़ताल के पहले दिन सूबे में सभी 21 सरकारी बैंकों और निजी क्षेत्र के 11 पुराने बैंकों की लगभग 5,000 शाखाओं में अलग-अलग सेवाएं बाधित रहीं। हड़ताल में करीब 18,000 बैंक कर्मचारी हिस्सा ले रहे हैं। इनमें निजी क्षेत्र के पुराने बैंकों के लगभग 2,000 कारिंदे शामिल हैं।

महाराष्ट्र:60,000 बैंक कर्मचारी हड़ताल पर

हड़ताल का महाराष्ट्र में व्यापक तौर पर असर दिखा और बैंकिंग कामकाज प्रभावित रहे। राज्य के करीब 60,000 बैंक कर्मचारी हड़ताल पर रहे। इसकी वजह से देश की आर्थिक राजधानी में सरकारी बैंकों की शाखाएं या तो बंद रही या फिर उनमें बहुत कम काम हुआ। कर्मचारियों ने दक्षिण मुंबई के पी एम रोड से आजाद मैदान तक मार्च भी निकाला।

बैंक कर्मचारी संघों का दावा है कि प्रदर्शन में 21 सरकारी वाणिज्यिक बैंक , क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक , 13 निजी बैंक और छह विदेशी बैंकों ने हिस्सा लिया। निजी और विदेशी बैंकों के कुछ कर्मचारी भी संघ के सदस्य है। हड़ताल में कर्मचारियों से लेकर शाखा प्रबंधक स्तर तक के अधिकारी शामिल हुए।

यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक्स यूनियन के संयोजक (महाराष्ट्र) देवीदास तुलजापुरकर ने कहा कि महाराष्ट्र में करीब 60,000 कर्मचारी और अधिकारी हड़ताल पर हैं , जो कि 40 लाख करोड़ रुपये के कारोबार को संभालते हैं। राज्य में करीब 12,000 शाखाएं बंद रहीं। अकेले मुंबई में 4,000 बैंक शाखाएं और 25 हजार कर्मचारी हैं जो कि 30 लाख करोड़ रुपये का कारोबार संभालते हैं।

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