मुंबई: सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के कर्मचारियों तथा अधिकारियों ने 30 मई से दो दिन की हड़ताल की घोषणा की है। हड़ताल का आह्वान भारतीय बैंक संघ (आईबीए) की वेतन में केवल दो प्रतिशत की वृद्धि के विरोध में किया गया है। वेतन वृद्धि को लेकर पांच मई 2018 को हुई बैठक में आईबीए ने दो प्रतिशत वृद्धि की पेशकश की। बैठक में यह भी कहा गया कि अधिकारियों की मांग पर बातचीत केवल स्केल तीन तक के अधिकारियों तक सीमित होगी।
यूनाइटेड फोरम और बैंक यूनियन्स के संयोजक देवीदास तुलजापुरकर ने यहां संवाददाताओं से कहा, यह एनपीए के एवज में किये गये प्रावधान के कारण है जिससे बैंकों को नुकसान हुआ और इसके लिये कोई बैंक कर्मचारी जिम्मेदार नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले दो-तीन साल में बैंक कर्मचारियों ने जन-धन, नोटबंदी, मुद्रा तथा अटल पेंशन योजना समेत सरकार की प्रमुख योजनाओं को लागू करने के लिये दिन-रात काम किये। तुलजापुरकर ने कहा, इन सबसे उन पर काम का काफी बोझ बढ़ा। बैंक कर्मचारियों के पिछली वेतन समीक्षा में 15 प्रतिशत की वृद्धि की गयी थी।
यह वेतन समीक्षा एक नवंबर 2012 से 31 अक्तूबर 2017 के लिये था. यूएफबीयू 9 श्रमिक संगठनों का निकाय है। इसमें आल इंडिया बैंक आफिसर्स कान्फेडरेशन (एआईबीओसी), आल इंडिया बैंक एम्प्लायज एसोसिएशन (एआईबीईए) तथा नेशनल आर्गनाइजेशन आफ बैंक वर्कर्स (एनओबीडब्ल्यू) शामिल हैं।