नई दिल्ली: घर खरीदारों के लिए बुधवार को केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। कैबिनेट ने इनसॉल्वेंसी एंड बैंक्रप्सी कोड में बदलाव को मंजूरी दे दी है। इसके तहत रियल एस्टेट कंपनी के दिवालिया होने पर उसकी संपत्ति में घर खरीदारों को भी हिस्सा मिलेगा। अब तक केवल बैंकों को ही बिल्डर की संपत्ति में हिस्सा मिलता था। यह फैसला दिल्ली-एनसीआर समेत तमाम शहरों में उन हजारों घर खरीदारों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है जिनके पैसे आधे-अधूरे बने प्रोजेक्ट्स में फंसे पड़े हैं।
घर खरीदारों की शिकायतों को देखते हुए केंद्र सरकार ने बैंक्रप्सी कोड में बदलाव के लिए 14 सदस्यीय इन्सॉल्वेंसी लॉ कमेटी का गठन किया था। कमिटी ने सिफारिश की थी कि दिवालिया बिल्डर की संपत्ति बेचने पर उन घर खरीदारों को भी हिस्सा दिया जाए, जिन्हें पजेशन नहीं मिला है। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में साफ कहा है कि बिल्डर के दिवालिया होने पर घर खरीदारों को अकेला नहीं छोड़ा जाना चाहिए। अगर ये बदलाव न हुआ तो खरीदारों को न तो पैसे मिलेंगे और न ही घर मिलेगा।
हालांकि कैबिनेट बैठक की जानकारी दे रहे कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस बारे में ज्यादा कुछ बताने से साफ मना कर दिया। उन्होंने कहा कि संवैधानिक प्रोटोकॉल के तहत जबतक अध्यादेश को राष्ट्रपति की मंजूरी नहीं मिल जाती वो कुछ भी बता नहीं सकते।
अध्यादेश लाया जाएगा
संसद सत्र न होने के चलते केंद्र सरकार कमेटी की ओर से सुझाए गए इन बदलावों को अध्यादेश के जरिए लागू करेगी। बदलावों को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा।
हजारों प्रोजेक्ट फंसे
कई बिल्डर कंपनियों ने आवासीय परियोजना के लिए प्राप्त धन को किसी अन्य कंपनी में लगा दिया। इससे उसके पास धन की कमी हो गई और प्रोजेक्ट में देरी हुई। इससे ग्राहकों को घर पाने के लिए लंबे समय से इंतजार करना पड़ रहा है।