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नई दिल्ली: पिछला वित्त वर्ष सरकारी बैंकों के लिए ठीक नहीं रहा है। देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई (भारतीय स्टेट बैंक) को वित्त वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही में 7700 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। बढ़ते एनपीए की वजह से जनवरी-मार्च तिमाही में एसबीआई को कुल 7,718.17 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ जबकि 2016-17 की समान तिमाही में बैंक को कुल 2814.82 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। तिमाही आधार पर देखा जाए तो बैंक के घाटे में भारी भरकम बढ़ोतरी हुई है।

तीसरी तिमाही में बैंक को 2416.37 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था जो चौथी तिमाही में बढ़कर 7,718.17 करोड़ रुपये हो गया। इस दौरान बैंक की कुल आय में बढ़ोतरी हुई और यह पिछले साल की समान अवधि में 57,720.07 करोड़ रुपये से बढ़कर 68,436.06 करोड़ रुपये हो गया। स्टॉक एक्सचेंज को दी गई जानकारी में बैंक ने बताया है कि इस दौरान बैंक के ग्रॉस एनपीए में 10.91 फीसदी की बढ़ोतरी हुई जबकि पिछले साल की समान तिमाही में यह 6.90 फीसदी थी। बीएसई में बैंक का शेयर करीब चार फीसदी की उछाल के साथ 255 रुपये पर ट्रेड कर रहा है।

पीएनबी को हो चुका है रिकॉर्ड घाटा

एसबीआई के अलावा पीएनबी समेत अन्य सरकारी बैंकों को भी इस तिमाही में नुकसान का सामना करना पड़ा है। हालांकि घोटाले की वजह से सबसे ज्यादा नुकसान पीएनबी को हुआ है। वित्त वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही में बैंक को रिकॉर्ड 13,417 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। घाटे के बाद बैंक को बेल आउट पैकेज दिए जाने की मांग हो रही है। वित्त वर्ष 2016-17 की समान तिमाही में पीएनबी में 262 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था।

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