नई दिल्ली: खाने-पीने की चीजों और पेट्रोल-डीजल, गैस की कीमतों में बढ़ोतरी से देश की थोक महंगाई दर अप्रैल में बढ़कर 3.18 फीसदी रही, जो कि इसके पिछले महीने 2.47 फीसदी पर थीं। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की तरफ से सोमवार को जारी आंकड़े के मुताबिक, पिछले महीने मुद्रास्फीति की दर हालांकि साल-दर-साल आधार पर कम रही. साल 2017 के अप्रैल में यह 3.85 फीसदी पर थी।
मंत्रालय द्वारा साल 2018 के अप्रैल के लिए जारी समीक्षा में कहा गया है, 'मासिक थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित सालाना मुद्रास्फीति की दर अप्रैल में 3.18 फीसदी (अनंतिम) रही, जबकि मार्च में यह 2.47 फीसदी (अनंतिम) और पिछले साल के अप्रैल में 3.85 फीसदी थी। बयान में कहा गया है, 'इस साल अबतक बिल्ड अप मुद्रास्फीति दर 0.69 फीसदी रही है।
क्रमिक आधार पर, समीक्षाधीन माह में प्राथमिक वस्तुओं पर खर्च में 1.41 फीसदी की वृद्धि हुई है, जो मार्च में 0.24 फीसदी थी. प्राथमिक वस्तुओं का डब्ल्यूपीआई में भार 22.62 फीसदी है।
प्राथमिक वस्तुओं में खाने-पीने की चीजों का सूचकांक में भार 15.26 फीसदी है. इसमें अप्रैल में 0.87 फीसदी की वृद्धि हुई है, जबकि मार्च में इसमें 0.29 फीसदी की गिरावट आई थी। ईंधन और बिजली के खर्च का सूचकांक में भार 13.15 फीसदी है. इसमें अप्रैल में सबसे ज्यादा तेजी दर्ज की गई है, जोकि 7.85 फीसदी रही, जबकि मार्च में यह 4.70 फीसदी थी।
इसी प्रकार से समीक्षाधीन महीने में विनिर्मित उत्पादों पर खर्च में 3.11 फीसदी की वृद्धि हुई है, जोकि मार्च में 3.03 फीसदी थी। साल-दर-साल आधार पर अप्रैल में प्याज की कीमतों में काफी तेज 13.62 फीसदी की वृद्धि हुई और आलू की कीमतों में सर्वाधिक 67.94 फीसदी की वृद्धि हुई। ईंधन की कीमतों में हाई स्पीड डीजल और पेट्रोल की कीमतों में अप्रैल में क्रमश: 13.01 फीसदी और 9.45 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई।