नई दिल्ली: सरकार ने आज चालू वित्त वर्ष के लिए अतिरिक्त कर्ज लेने की आवश्यकताओं को घटाकर 20,000 करोड़ रुपये कर दिया है। इससे पहले 50,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर्ज लेने का अनुमान लगाया गया था। आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने ट्वीट में कहा, आय और व्यय का ध्यान रखते हुए सरकार ने अतिरिक्त कर्ज की आवश्यकताओं का पुनर्मूल्यांकन किया है।
सरकार ने पूर्व में अनुमानित अतिरिक्त कर्ज की सीमा 50,000 करोड़ रूपये से घटा कर अब 20,000 करोड़ रुपये कर दिया है। पिछले महीने रिजर्व बैंक के साथ परामर्श के बाद सरकार ने कहा था कि वह चालू वित्त वर्ष के लिए 50,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर्ज लेगी।
कर्ज घटाने से सरकार को राजकोषीय घाटे को तय लक्ष्य के भीतर नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। सरकार ने 2017-18 के बजट में चालू वित्त वर्ष में लंबी अवधि की प्रतिभूतियों के माध्यम से 43,000 करोड़ रुपये के उधार का अनुमान लगाया था। जीएसटी से राजस्व संग्रह में गिरावट ने भी सरकार की चिंताओं को बढ़ा दिया।
उल्लेखनीय है कि देश का राजकोषीय घाटा नवंबर अंत में पूरे साल के लिए तय अनुमान से आगे निकल गया है। राजकोषीय घाटा नवंबर अंत में बजट में तय पूरे साल के अनुमान से आगे निकलकर 112 प्रतिशत हो गया।