नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में तेजी से डीजल की कीमत रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। मंगलवार को दिल्ली में एक लीटर डीजल की कीमत 6174 रुपये और पेट्रोल की कीमत पिछले तीन सालों में सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं। दिल्ली में मंगलवार को एक लीटर पेट्रोल की कीमत 71.27 तक पहुंच गई है, जो अगस्त 2014 के बाद सबसे ऊंचा स्तर है।
सरकारी स्वामित्व वाली इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के अनुसार, मंगलवार को दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में पेट्रोल की कीमत 9 पैसे प्रति लीटर बढ़ी। वहीं चार महानगरों में डीजल की कीमत 14-16 पैसे प्रति लीटर बढ़ी है।
कोलकता में पेट्रोल की कीमत 74 रुपये लीटर, मुंबई में 79.15 रुपये लीटर और चेन्नई में डीजल की कीमत मुंबई में 65.74 रुपये प्रति लीटर के भाव पर बेचा जा रहा है जिसका कारण स्थानीय बिक्री कर या वैट का अधिक होना है। तेल कंपनियों के अनुसार 12 दिसंबर 2017 के बाद तेल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। उस दिन डीजल की कीमत 58.34 रुपये लीटर थी।
पिछले एक महीने में इसमें 3.40 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि हुई। इस दौरान पेट्रोल के दाम 2.09 रुपये लीटर बढ़े। वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के व्यापार के दो प्रमुख मानकों...ब्रेंट तथा वेस्ट टेक्सास इंटीमीडिएट (डब्ल्यूटीआई)...में दिसंबर 2014 के बाद काफी तेजी आयी है।
पिछले सप्ताह ब्रेंट 70.05 डालर प्रति बैरल पर पहुंच गया जबकि डब्ल्यूटीआई 64.77 डालर पर पहुंच गया। कच्चे तेल के दाम में वृद्धि के बाद पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने शुरू हो गये हैं। इस स्थिति को देखते हुये सरकार से आम लोगों को राहत देने के लिये उत्पाद शुल्क में कटौती की मांग फिर से की जाने लगी है।
भाजपा नीत राजग सरकार ने अपने कार्यकाल में उत्पाद शुल्क में एक बार कटौती की है। अक्तूबर 2017 में जब दिल्ली में पेट्रोल का दाम 70.88 रुपये प्रति लीटर तथा डीजल 59.14 रुपये प्रति लीटर पहुंच गया था, सरकार ने उत्पाद शुल्क में दो रुपये प्रति लीटर की कटौती की है।