नई दिल्ली: प्रस्तावित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के मामलों पर अधिकार प्राप्त जीएसटी परिषद की 25 नवंबर को होने वाली बैठक अब 2-3 दिसंबर के लिए टाल दी गयी है। कई राज्यों ने जीएसटी के आदर्श कानून मसौदे और राज्यों को राजस्व हानि पर मुआवजे के फार्मूले में बदलाव के सुझाव दिये हैं। वैसे जीएसटी पर केंद्र और राज्यों के अधिकारियों की मिलीजुली समिति की बैठक 25 नंबर को होगी। इसमें केंद्रीय जीएसटी, समन्वित जीएसटी विधेयकों का मसौदा और मुआवजे के फार्मूले को तय किया जाएगा। इन मसौदों को सार्वजनिक रूप से रख कर सभी संबद्ध पक्षों के सुझाव आमंत्रित किए जाएंगे। सरकार इन विधेयकों को धन संबंधी विधेयक के रूप में प्रस्तुत करना चाहती है ताकि ये राज्य सभा में न अटकें। राज्य सभा में सत्तारूढ़ राजग को बहुमत नहीं है। सूत्रों ने कहा कि विधेयकों के मसौदों में सुधार में कुछ समय लग सकता है। इसी लिये जीएसटी परिषद की बैठक टाली गयी है। सूत्रों ने कहा, ‘राज्यों ने आदर्श जीएसटी अधिनियम में रिटर्न (विवरण प्रस्तुत करने) की प्रक्रिया में कुछ परिवर्तन किए जाने के सुझाव दिए हैं। इसके अलावा राज्यों ने मुआवजे संबंधी कानून (विधेयक) की शब्दावली में भी कुछ बदालव का सुझाव दिया है। हम 25 नवंबर की बैठक में इन कानूनों के मसौदों को अंतिम रूप देंगे।’
साथ ही सूत्रों ने कहा कि केंद्र सरकार इन विधेयकों को संसद के चालू सत्र में ही प्रस्तुत करने की दिशा में बढ रही है। यह अधिवेशन 16 दिसंबर तक चलेगा। अधिकारियों की समिति की बैठक में करदाता इकाइयों की जांच और उन पर नियंत्रण के अधिकार के मुद्दे पर चर्चा नहीं होगी। यह मुद्दा मंत्रियों के स्तर पर निपटाया जाएगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की बैठक में सभी राज्यों के वित्त मंत्री या नामित मंत्री सदस्य है। यह परिषद इस प्रस्तावित कर पर निर्ण करने वाला सर्वोच्च अधिकार प्राप्त कार्यकारी निकाय है। केंद्र सरकार ने 16 नवंबर को राज्यों को कानून के मसौदे भेज दिए हैं। अधिकारियों की समिति ने 21-22 नवंबर को इन कुछ विषयों पर चर्चा की है जहां राज्यों ने मसौदों पर अपने सुझाव प्रस्तुत किए हैं।