काठमांडो: नेपाल में माओवादी प्रमुख पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' ने नई सरकार के आने के बाद चीन को पिछली सरकार के दौरान हुए अहम द्विपक्षीय संधियों को लागू करने का आज आश्वासन दिया। इनमें एक समझौता ऐसा है जो नेपाल में परिवहन पर भारत का एकाधिकार खत्म कर सकता है। नेपाल में चीन के राजदूत वु चुंतई ने प्रचंड के साथ भेंट के दौरान नेपाल में बनने वाली नयी सरकार तथा प्रचंड के नेतृत्व के प्रति चीन के पूर्ण समर्थन का वादा किया। प्रचंड प्रधानमंत्री के रूप में केपी ओली का स्थान लेने वाले हैं। चीनी राजदूत का बयान ऐसे वक्त में आया है जब मीडिया में खबर है कि प्रचंड के एक बार फिर प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ करने के लिए केपी ओली की सरकार को गिराने के कदम के पीछे भारत का हाथ है। भारत विरोधी रूख को लेकर चर्चित 61 वर्षीय प्रचंड ने ओली शासन के दौरान के समझौतों को लागू करने की जिम्मेदारी ली और कहा कि ये समझौते जिस गठबंधन सरकार के दौरान हुए, उसमें माओवादी भी शामिल थे। प्रचंड के सचिवालय से जारी बयान के अनुसार यहां उनके निवास पर हुई इस भेंट के दौरान उन्होंने कहा कि नयी सरकार अगले कुछ दिनों में बन जाएगी और उन्होंने पिछली सरकार में चीन के साथ हुए समझौतों को लागू करने का वादा किया। प्रचंड ने कहा कि नयी सरकार न केवल समझौतों को लागू करेगी बल्कि चीन के साथ नये समझौते भी करेगी।
मार्च में ओली की चीन यात्रा के दौरान दोनों देशों ने 10 समझौते किए थे जिनमें एक ऐतिहासिक पारगमन संधि है।