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यरुशलम: इजरायल और हमास के बीच शांति की कोई गुंजाइश नजर नहीं आ रही है। इजरायली सेना के विमान लगातार हमास के नियंत्रण वाले गाजा पट्टी पर बम बरसा रहे हैं। इस युद्ध को शनिवार (16 दिसंबर) को 71 दिन हो गए। युद्ध की वजह से मासूमों को जान गंवानी पड़ रही है। इजरायली सेना ने गलती से हमास की कैद में मौजूद 3 बंधकों की हत्या कर दी है। सेना को लगा कि वह खतरा हैं और उन्हें गोली मार दी गई। बंधकों की हत्या को लेकर इजरायल में बवाल मच गया है।

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे दुखद घटना करार दिया है। नाराज लोगों ने तेल अवीव में इजरायली सेना के हेडक्वाटर्स के बाहर प्रदर्शन किया है। वहीं, इजरायली सेना ने कहा है कि गाजा को दी जाने वाली मदद उसके इलाके से होकर जा सकती है। 7 अक्टूबर को शुरू हुए युद्ध के बाद ये पहला मौका है, जब फिलिस्तीनियों को भेजी जाने वाली मदद इजरायल के रास्ते उन तक पहुंचेगी।

संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में फिलिस्तीन के मिशन ने कहा है कि इजरायल को अपने अवैध व्यवहार को लेकर नतीजे भुगतने का डर नहीं है।

मिशन ने सुरक्षा परिषद से कहा है कि इजरायल के खिलाफ कार्रवाई की जाए। इसका कहना है कि युद्धविराम की मांग के बाद भी इजरायल अंतरराष्ट्रीय कानून तोड़कर काम कर रहा है।

अमेरिका के एनएसए जैक सुलिवन ने फिलिस्तीनी अथॉरिटी के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से बात की है। इस दौरान गाजा में लोगों को भेजे जाने वाली मानवीय मदद को बढ़ाने पर चर्चा हुई है। इस मुलाकात में आम नागरिकों की सुरक्षा को बढ़ाने पर भी जोर दिया गया।

गाजा में इजरायली एयरस्ट्राइक में अलजजीरा के कैमरामैन सामेर अबु दब्बा की मौत हो गई है। दब्बा हायफा स्कूल में फंसे हुए थे, तभी उस पर हमला हो गया। एंबुलेंस घायल हुए कैमरामैन तक पहुंच नहीं पाई, इसलिए पांच घंटे तक लगातार खून बहने की वजह से उनकी मौत हो गई।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने गाजा के हेल्थ सिस्टम के बर्बाद होने पर चिंता जताई है। गाजा में 36 अस्पताल थे, जिसमें से सिर्फ 11 ही कुछ हद तक काम कर रहे हैं। इन अस्पतालों में 50 हजार से ज्यादा घायलों का इलाज चल रहा है। इस वजह से डॉक्टर्स और नर्सों को काफी दबाव में काम करना पड़ रहा है।

यूरोपियन कमीशन की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा है कि यूरोपियन यूनियन इजरायली और फिलिस्तीनी लोगों के लिए द्वि-राष्ट्र समाधान या कहें टू नेशन सॉल्यूशन का समर्थन करता है। उनका कहना है कि जब तक इस पर सहमति नहीं बन जाती है, तब तक किसी भी तरह की शांति नहीं हो सकती है।

यरुशलम की ओर कई रॉकेट्स दागे गए

सीएनएन के मुताबिक, इजरायली सेना ने कहा है कि यरुशलम की ओर कई रॉकेट्स दागे गए हैं। सेना ने कम से कम छह रॉकेट्स का पता लगाया है। इसमें से तीन रॉकेट्स को इंटरसेप्ट किया गया है, जबकि बाकी के तीन इंटरसेप्ट नहीं हुए, जो किसी खुली जगह में गिरने वाले हैं।

हूती विद्रोहियों ने दावा किया है कि उन्होंने इजरायल की ओर जा रहे दो कार्गो जहाजों पर हमला किया है। हूती सैन्य प्रवक्ता ब्रिगेडियर. जनरल याह्या सारी ने कहा कि एमएससी अलान्या और एमएससी पलाटियम III पर हमला करने के लिए मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया।

गाजा में 85 फीसदी आबादी बेघर

मिस्र के एक अधिकारी ने ने बताया कि मानवीय सहायता ले जाने वाले 106 ट्रकों का एक काफिला शुक्रवार को राफा क्रॉसिंग के जरिए गाजा पहुंचा है। इसमें ईंधन ले जाने वाले पांच ट्रक शामिल थे। कुल 445 लोगों ने गाजा पट्टी छोड़ी है, जिनमें 441 विदेशी और चार घायल फिलिस्तीनी शामिल थे।

7 अक्टूबर से इजरायल ने गाजा में 22 हजार से ज्यादा ठिकानों पर बमबारी की है। इसकी वजह से 19 लाख फिलिस्तीनी बेघर हो गए हैं, जो गाजा की आबादी का 85 फीसदी हिस्सा हैं। बेघर हुए लोगों को सर्दी और बारिश जैसे बुरे हालातों का सामना करना पड़ रहा है।

युद्ध शुरू होने के बाद से ही अब तक इजरायल के हमले में गाजा में कम के कम 18,700 फिलिस्तीनियों की मौत हुई है, जिसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। घायलों की संख्या 51000 के करीब है।

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