कैनबरा: ऑस्ट्रेलिया के आम चुनावों में मामूली अंतर से मिली जीत के बाद मैल्कम टर्नबुल ने आज दूसरे कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री पद की आज शपथ ग्रहण की। उन्होंने कैबिनेट की बड़ी टीम बनाई है। टर्नबुल ने अपनी प्राथमिकताओं को स्पष्ट करते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार करना और समलैंगिक विवाह पर जनमतसंग्रह कराने का मुद्दा उनकी शीर्ष प्राथमिकताएं हैं। ऑस्ट्रेलिया में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के प्रतिनिधि गवर्नर जनरल पीटर कासग्रोव ने कैनबरा के गवर्नमेंट हाउस में टर्नबुल को देश के 29वें प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण कराई। उनके साथ 23 मंत्रियों ने शपथ ली है जो ऑस्ट्रेलियाई इतिहास के सबसे बड़े मंत्रिमंडलों में से एक है। टर्नबुल ने कल शपथ ग्रहण समारोह से पहले कहा, ‘हम तीन साल के लिए मजबूत, स्थिर आर्थिक नेतृत्व को लेकर प्रतिबद्ध हैं ताकि हम आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा प्रदान कर सकें जिसकी आस्ट्रेलियावासियों ने उम्मीद की है और वे इसके हकदार भी हैं।’ उन्होंने कहा, ‘आस्ट्रेलियाई जनता 2019 में हमारा फैसला करेगी कि हमने अपनी योजनाओं और कार्यक्रमों को पूरा किया और हमने जिस निवेश का वादा किया था क्या हमने वो पूरा किया।’ मंत्रियों की बड़ी टीम का मतलब यह भी निकाला जा रहा है कि टोनी एबट को इस बार भी कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं मिलेगी। पूर्व प्रधानमंत्री एबट को पार्टी नेतृत्व में बदलाव के बाद प्रधानमंत्री पद से हटना पड़ा था और उनकी जगह टर्नबुल ने ली थी।
पूर्व बैंकर के लिबरल नेशनल गठबंधन ने दो जुलाई को हुए चुनाव में बेहद नजदीकी मुकाबला जीतकर सत्ता हासिल की। पार्टी के पास 150 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में 76 सीटें हैं और एक अन्य सीट पर मतगणना अभी जारी है, इसलिए एक और सीट प्राप्त होने की उम्मीद है। हालांकि टर्नबुल का गठबंधन सत्ता हासिल करने में सफल रहा लेकिन उसने अपने पास पहले मौजूद भारी बहुमत गवां दिया है। अब ये सवाल खड़े हो गए हैं कि वह सफलतापूर्वक सरकार चला पाएंगे या नहीं। टर्नबुल ने अपनी शीर्ष प्राथमिकता के बारे में बताते हुए कहा, ‘बजट में सुधार निस्संदेह अहम है।’ उन्होंने कल शाम प्रसारक ‘एबीसी’ से कहा था कि जितनी जल्दी संभव हो सके, उनकी उतनी जल्दी समलैंगिक विवाह पर मतदान कराने की योजना है।