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लंदन: पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की एक बार फिर से मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। लॉकडाउन नियम तोड़ने के मामले की नए सिरे से जांच हो सकती हैं। इनपर अपनी ही सरकार में महामारी लॉकडाउन नियमों को तोड़ने के लिए जुर्माना लगाया गया था। मेट्रोपॉलिटन पुलिस बल और टेम्स वैली पुलिस ने कहा कि वे जून 2020 और मई 2021 के बीच की घटनाओं से संबंधित विवरणों का आकलन कर रहे हैं।

बोरिस जॉनसन पर लगे थे ये आरोप

ब्रिटेन में कोरोनावायरस महामारी का दौर सबसे कठिन समय में से एक रहा। इस दौरान सरकार ने लॉकडाउन समेत कई कड़े प्रतिबंध लगाए। इसके चलते जनता को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। हालांकि, इसी मुश्किल वक्त के दौरान एक रिपोर्ट सामने आई, जिसमें दावा किया गया कि जब आम जनता कोरोना और प्रतिबंधों से जूझ रही थी, उस दौरान जॉनसन सरकार के कुछ मंत्री और अधिकारी शराब पार्टियां कर रहे थे। वह भी किसी आम क्लब या चोरी-छिपे नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के डाउनिंग स्ट्रीट स्थित आवास पर।

जॉनसन ने लगातार इन आरोपों को नकारा और कहा कि उनके या उनकी पार्टी के नेताओं की तरफ से लॉकडाउन के किसी नियम को नहीं तोड़ा गया। हालांकि, इसी साल 25 मई को सिविल सर्वेंट स्यू ग्रे की जांच कमेटी ने जो रिपोर्ट दायर की, उससे साफ हो गया कि कोरोना के सबसे कठिन वक्त के दौरान ब्रिटिश सरकार के मंत्री नियमों को ताक पर रख पार्टियां कर रहे थे। इस रिपोर्ट में मई 2020 से लेकर अप्रैल 2021 के बीच की 16 पार्टियों के फोटोग्राफ और जानकारियां दी गई थीं। साथ ही यह भी कहा गया था कि पीएम बोरिस जॉनसन खुद इनमें से कम से कम छह अवैध पार्टियों में शामिल थे।

यह उस दौरान कोविड गाइडलाइंस का पूरी तरह से उल्लंघन था। क्योंकि तब लोगों के साथ घूमने तो दूर उनके मिलने पर भी रोक थी। यहां तक कि किसी के निधन में भी लोगों के जुटने की संख्या पर कई पाबंदियां थीं। लोग पीड़ितों से मिलने अस्पताल तक नहीं जा सकते थे। इस रिपोर्ट के सामने आने के अगले ही दिन जॉनसन ने सार्वजनिक तौर पर माफी मांग ली और संसद को बताया कि वह इन गलतियों के लिए खुद जिम्मेदार हैं।

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