वॉशिंगटन: अमेरिकी सांसद इलहान ओमर की पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात और उनकी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) की गैर आधिकारिक यात्रा अमेरिकी सरकार का प्रतिनिधित्व नहीं करती है। यह एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा। भारत ने गुरुवार को मिस ओमर की पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की यात्रा की यह कहते हुए निंदा की थी कि यह भारत की सीमाई अखंडता और संप्रभुता का उल्लंघन करता है और उनकी "छोटी सोच" वाली राजनीति के बारे में दर्शाता है। डेमोक्रेटिक पार्टी की सांसद 20 अप्रैल से अपनी 4 दिन की पाकिस्तान यात्रा पर हैं। बुधवार को उन्होंने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात की और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की यात्रा की।
मीडिया से बात करते हुए डेरेक चोलेट जो अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन के प्रतिनिधि हैं, ने कहा, "यह गैरआधिकारिक यात्रा है और यह अमेरिकी सरकार की तरफ से किसी नीतिगत बदलाव की ओर इशारा नहीं करती है।
मिस उमर जो एक सोमाली-अमेरिकी महिला हैं, वह राष्ट्रपति जो बाइडेन की डेमोक्रेटिक पार्टी से जुड़ी हैं, उन्होंने पाक अधिकृत कश्मीर से वापसी के बाद कहा, "कश्मीर को अमेरिका से अधिक ध्यान मिलना चाहिए।" इस बयान की वजह से भारत की तरफ से कड़ा निंदा आई।
सुश्री उमर ने पोओके की यात्रा के बाद रिपोटर्स से कहा, "मुझे नहीं लगता कि कश्मीर की अमेरिकी संसद और प्रशासन में उतनी निंदा होनी चाहिए, जितनी इसे जरूरत है।"
विदेश मंत्रायल के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने सुश्री ओमर की पीओके यात्रा की निंदा करते हुए कहा था," मुझे केवल यह कहना है कि अगर ऐसे राजनेता अपने देश में अपनी छोटी सोच की राजनीति करना चाहते हैं तो यह उनके उपर है। लेकिन हमारी अखंडता और संप्रभुता का उल्लंघन इसे हमारा काम बना देता है, और हमें लगता है कि इस यात्रा की निंदा की जानी चाहिए।"
ओमर, हाउस ऑफ रिप्रेज़ेंटेटिव में मिनिसोटा की प्रतिनिधि हैं, नई सरकार बनने के बाद यह किसी अमेरिकी सांसद की पहली इस्लामाबाद यात्रा है। इमरान खान के घर बानी गाला पर उनकी मुलाकात की आलोचना की जा रही है क्योंकि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री ने उनकी सरकार जाने के पीछे अमेरिकी साज़िश बताई थी।
जब यह पूछा गया कि इस मीटिंग का अमेरिका क्या मायने निकालता है तो डेरेक चोलेट ने कहा कि "सांसद महोदया की यात्रा निजी थी। इसे अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने आयोजित नहीं किया था या इसमें कोई मदद नहीं की थी, इसलिए मैं इस पर अधिक टिप्पणीं नहीं कर सकता हूं।"
सुश्री उमर अफ्रीका में जन्मीं पहली महिला हैं जो अमेरिकी संसद में बैठीं। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करती रही हैं और पहले उन्होंने बाइडेन प्रशासन के अधिकारियों के लिए कहा था कि वो भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों के खिलाफ उठाए गए कदमों और मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ आवाज उठाने में "विफल" रहे हैं।