इस्लामाबाद: तोशखाना के उपहारों को बेचने के आरोपों के बीच पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान सोमवार को सीनाजोरी करते दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि वे उपहार उनके थे। ऐसे में यह उनकी मर्जी है कि चाहे उपहारों को रखें अथवा बेच दें। जियो न्यूज पाकिस्तान से अनौपचारिक बातचीत में इमरान ने कहा, 'मेरा तोहफा, मेरी मर्जी।' उन्होंने तोशखाना (सरकारी भंडार) के उपहारों को बेचने के आरोपों को निराधार बताते हुए कहा, 'हमने वहां से जो कुछ भी लिया, वह रिकार्ड में दर्ज है। अगर किसी के पास भ्रष्टाचार का कोई साक्ष्य है, तो उसे आगे आना चाहिए।'
इमरान के हवाले से एआरवाई ने अपनी रिपोर्ट में कहा, 'तीन साल के मेरे कार्यकाल के दौरान वे लोग (विपक्षी) मुझ पर सिर्फ तोशखाना उपहार घोटाले का आरोप लगा सके। वह भी रिकार्ड में दर्ज है।' पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) पार्टी प्रमुख ने कहा, 'अगर मैं पैसे कमाना चाहता, तो अपने घर को कैंप कार्यालय घोषित कर देता।'
पाकिस्तानी कानून के मुताबिक विदेशी मेहमानों से मिले उपहारों को तोशखाने में जमा कराना अनिवार्य है।
उपहार की कीमत की कम से कम आधी राशि का भुगतान करके उसे व्यक्तिगत संपत्ति के रूप में रखा जा सकता है। आरोप है कि इमरान को 14 करोड़ रुपये के 58 उपहार मिले, जिनके बदले उन्होंने बहुत कम राशि का भुगतान किया।
सेना की तरफ से 'तीन विकल्प' दिए जाने की बात दोहराई
इमरान ने सेना की तरफ से 'तीन विकल्प' दिए जाने की बात फिर दोहराई है। हालांकि, सेना स्पष्ट कर चुकी है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान की तरफ से राजनीतिक संकट का हल निकालने की अपील के बाद ही सैन्य प्रमुख ने वार्ता की पहल की थी। इमरान ने कहा, 'सेना ने तीन विकल्प दिए थे। मैं चुनाव के प्रस्ताव पर सहमत था। इस्तीफे या अविश्वास प्रस्ताव को कैसे स्वीकार कर सकता था।' उन्होंने कहा, 'मैं इसलिए कुछ नहीं कह रहा हूं, क्योंकि पाकिस्तान को मजबूत व एकजुट सेना की जरूरत है।' जियो न्यूज ने इमरान के हवाले से कहा, 'सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा से रूस यात्रा के पूर्व टेलीफोन पर बात हुई थी। उन्होंने रूस यात्रा पर सहमति जताई थी।'