कोलंबो: श्रीलंका में जारी आर्थिक चुनौतियों के बीच सियासी संकट भी गहराने के आसार बन रहे हैं। विपक्ष के नेता साजिथ प्रेमदासा ने बुधवार को राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव और सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर दस्तखत कर दिया। डेली मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक, विपक्ष के नेता के कार्यालय में यह हस्ताक्षर किए गए। इस घटनाक्रम से श्रीलंका में सियासी खींचतान बढ़ने के आसार हैं। इन प्रस्तावों को जल्द ही संसद में रखा जाएगा। ये हैं- अविश्वास प्रस्ताव, राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव व 20 संशोधनों को निरस्त करने का प्रस्ताव जिन्होंने वर्ष 2020 में उन्हें राष्ट्रपति के रूप में पूर्ण अधिकार प्रदान किए हैं। वहीं मीडिया रिर्पोटस के मुताबिक, श्रीलंका के अभूतपूर्व आर्थिक संकट के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शनों को समाप्त कराने के लिए नववर्ष के अवसर पर प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने खास पहल की है। उन्होंने बुधवार को प्रदर्शनकारी युवाओं को वार्ता का प्रस्ताव दिया है।
राष्ट्रपति सचिवालय के करीब युवाओं के धरना-प्रदर्शन के पांच दिन हो चुके हैं। प्रदर्शनकारी धरना स्थल पर दिनरात जुटे हुए हैं और देश की कथित भ्रष्ट राजनीतिक संस्कृति में आमूलचूल परिवर्तन की मांग कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री कार्यलय की तरफ से जारी बयान के अनुसार, 'पीएम महिंदा उन प्रदर्शनकारी युवाओं से बात करना चाहते हैं, जो राष्ट्रपति गोटाबाया के सचिवालय के करीब गाले फेस मैदान में धरना दे रहे हैं। अगर प्रदर्शनकारी तैयार हों, तो उनके प्रतिनिधियों को बातचीत के लिए औपचारिक निमंत्रण भेजा जाएगा।'
मांगों पर अड़े प्रदर्शनकारी
प्रदर्शनकारी सरकार में शामिल राजपक्षे परिवार के सदस्यों के इस्तीफे की मांग के साथ-साथ कथित तौर पर गलत तरीके से अर्जित संपत्ति को जब्त कर उससे कर्ज का भुगतान करने की मांग कर रहे हैं। महिंदा राष्ट्रपति गोटाबाया के बड़े भाई हैं। गत दिनों पूरी कैबिनेट के इस्तीफे से पूर्व गोटाबाया के सबसे छोटे भाई बासिल राजपक्षे वित्त मंत्री और सबसे बड़े भाई चामल राजपक्षे कृषि मंत्री थे। महिंदा के बेटे नमल राजपक्षे खेल मंत्री थे।
सिरसेन ने प्रस्तावित की 11 सूत्री योजना
पूर्व राष्ट्रपति व सत्तारूढ़ श्रीलंका पोडुजाना पेरामुना (एसएलपीपी) गठबंधन के सहयोगी मैत्रिपाल सिरसेन ने मंगलवार रात संवाददाताओं से कहा कि वह सरकार के साथ लंबे समय तक राजनीतिक वार्ता नहीं करने वाले। उन्होंने मौजूदा संकट से पार पाने के लिए 11 सूत्री योजना प्रस्तावित की है, जिनमें सर्वदलीय सरकार के गठन की बात शामिल है।
चीन मदद के लिए तैयार
चीन में श्रीलंका के राजदूत पालिता कोहोना ने कहा कि बीजिंग द्वीपीय राष्ट्र को 2.5 अरब डालर की वित्तीय मदद के लिए तैयार है। श्रीलंकाई समाचार वेबसाइट अदा डेराना ने कोहोना के हवाले से बताया कि राष्ट्रपति गोटाबाया ने गत दिनों अपने चीनी समकक्ष शी चिनफिंग को पत्र लिखकर इस मुश्किल दौर में आर्थिक मदद की अपील की थी। चीन ने पिछले हफ्ते आर्थिक मदद व कर्ज का भरोसा दिया है।
पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने चेताया
पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कि विदेशी कर्ज का भुगतान नहीं करने से देश के बैंकिंग क्षेत्र पर दबाव बढ़ेगा। सिंहल व तमिल नववर्ष की पूर्व संध्या पर देश को संबोधित करते हुए विक्रमसिंघे ने कहा, 'यह घोषणा सरकार की तरफ से देश को दिवालिया बताने की तरह है। नए वित्त मंत्री की जिम्मेदारी बनती है कि वह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से बातचीत करें।'