इस्लामाबाद: पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर शनिवार मध्यरात्रि को हुए मतदान में उन्हें हार का सामना करना पड़ा है। खान के प्रधानमंत्री पद से हटते ही उनके करीबियों पर कार्रवाई भी शुरू हो गई है। अविश्वास प्रस्ताव हारने के बाद खान के पार्टी प्रवक्ता डॉ. अर्सलान खालिद के घर पर रात में ही छापेमारी की गई है। इस दौरान उनके घरवालों के फोन छीन लिए गए. इमरान खान की पार्टी ने ट्वीट कर ये जानकारी दी है।
इमरान खान देश के इतिहास में ऐसे पहले प्रधानमंत्री बन गए, जिन्हें अविश्वास प्रस्ताव के जरिए हटाया गया है। अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के समय 69 वर्षीय खान निचले सदन में उपस्थित नहीं थे और उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के सांसदों ने भी वोटिंग से वॉकआउट किया। इस बीच, पीटीआई के सांसद फैसल जावेद ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से पहले ही इमरान खान ने प्रधानमंत्री का आधिकारिक आवास छोड़ दिया।
फैसल ने ट्वीट किया, ''अभी-अभी प्रधानमंत्री इमरान खान प्रधानमंत्री आवास से विदा हुए। वह शालीनता से विदा हुए और झुके नहीं।''
शनिवार को पूरे दिन में पल-पल बदलते घटनाक्रम के बाद देर रात को शुरू हुए मतदान के नतीजे में संयुक्त विपक्ष को 342-सदस्यीय नेशनल असेंबली में 174 सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जो प्रधानमंत्री को अपदस्थ करने के लिए आवश्यक बहुमत 172 से अधिक रहा। गौरतलब है कि 1947 से आज तक किसी भी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया है।
जियो न्यूज के हवाले से कहा गया है कि इमरान खान ने पीएम पद से इस्तीफा देने से पहले तीन शर्तें रखी थीं। उन्होंने कहा कि पद छोड़ने के बाद उनकी गिरफ्तारी न हो। साथ ही शहबाज शरीफ की जगह किसी और को प्रधानमंत्री बनाया जाए। तीसरी शर्त में उन्होंने कहा है कि पद छोड़ने के बाद उनके खिलाफ एनएबी के तहत कोई भी केस दर्ज ना किया जाए।
पाकिस्तान में सियासी संकट के बीच देर रात सभी एय़रपोर्ट पर अलर्ट जारी कर दिया गया था। पाकिस्तान मीडिया के सूत्रों के मुताबिक, यह आदेश दिया गया है कि बिना इजाजत के कोई भी सरकारी अधिकारी या नेता देश छोड़कर नहीं जाने पाए।
वोटिंग की मोहलत खत्म होने के 15 मिनट पहले स्पीकर असद कैसर ने पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद मतदान की कार्यवाही नए सभापति के साथ शुरू हुई। मतदान में सत्तारूढ़ पीटीआई के सांसदों ने हिस्सा नहीं लिया और इमरान खान ने खुद प्रधानमंत्री आवास छोड़ दिया।
शहबाज शरीफ हो सकते हैं अगले वज़ीर-ए-आज़म
इमरान खान सरकार गिरने के बाद पीएमएल (नवाज) के नेता शहबाज़ शरीफ प्रधानमंत्री बन सकते हैं। शहबाज़ शरीफ़, पूर्व पीएम नवाज़ शरीफ के भाई हैं। अगर वो पीएम बनते हैं तो नवाज़ शरीफ पाकिस्तान लौट सकते हैं।
शहबाज़ शरीफ़ पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री रहे हैं और अभी पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज़) के अध्यक्ष हैं। शहबाज के नाम सबसे लंबे समय तक पंजाब के सीएम रहने का गौरव प्राप्त है। वे तीन बार यह पद संभाल चुके हैं। वे पहली बार 1997 में पंजाब प्रोविंस के सीएम बने थे। 1999 के परवेज मुशर्रफ के तख्तापलट के बाद उन्हें पाकिस्तान छोड़ना पड़ा था और आठ साल निर्वासन के सऊदी अरब में गुजारने पड़े थे।