ताज़ा खबरें
संसद में अडानी और संभल पर हंगामा,दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित
किसान आंदोलन: एसकेएम नेता डल्लेवाल को पुलिस ने हिरासत मे लिया
कन्नौज में एक्सप्रेस-वे पर दुर्घटना, सैफई में तैनात पांच डॉक्टरों की मौत
दिल्ली-यूपी में बढ़ी ठंड, हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी; तमिलनाडु में तूफान

इस्लामाबाद: प्रधानमंत्री इमरान खान ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अविश्वास प्रस्ताव के ठीक एक दिन पहले देश के नाम अपना संबोधन दिया। इमरान खान ने कहा कि वो सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं, लेकिन ये सत्ता पलटने की साजिश है या नहीं, इस पर सुप्रीम कोर्ट ने गौर नहीं किया, इसको देखकर उनको मायूसी है। खान ने कहा कि खुलेआम सांसदों की खरीद-फरोख्त हो रही है, बच्चे बच्चे को पता है कि कौन जमीर बेच रहे है, कौन सी जम्हूरियत में इसकी इजाजत है। ये पाकिस्तान की डेमोक्रेसी में मजाक बन गया है, जिस तरह से सियासतदान बिक रहे हैं। अगर आप भविष्य को आगाह नहीं करेंगे तो हम क्या मिसाल पैदा करेंगे। शरीफ बंधुओं ने सबसे पहले भेड़ बकरियों की तरह सियासतदानों को खरीदने का सिलसिला शुरू किया था। रिजर्व सीट वाले भी बिक रहे हैं।

इमरान खान ने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने विदेशी साजिश के दावे की जांच नहीं की। ऐसा कभी उन्होंने किसी पश्चिमी लोकतंत्र में नहीं देखा, क्योंकि वहां उनके खिलाफ जनता खड़ी हो जाती है। पाकिस्तान की आवाम की जिम्मेदारी है कि वो इसके खिलाफ खड़ी हो।

 उन्होंने कहा, दूसरे देशों में जो हमारे दूतावास थे, जिनके जरिये सत्ता पलटने की साजिश थी, उसे हम सार्वजनिक नहीं कर सकते, लेकिन जनता को खुद देखना चाहिए कि क्या हो रहा है।

अमेरिका में हमारे राजदूत ने वहां के एक अधिकारी से बात की। इमरान खान को रूस नहीं जाना चाहिए था। उसने कहा कि अगर आप इमरान खान अविश्वास प्रस्ताव के जरिये हट जाता है तो पाकिस्तान को मुश्किल का सामना करना पड़ेगा।

ऐसा भ्रष्टाचार कभी नहीं देखा

इमरान खान ने कहा, मैं विदेश में रहा, लेकिन मैंने कभी ऐसा भ्रष्टाचार नहीं देखा। इमरान खान ने कहा, मैं बताता हूं कि मेरा गुनाह क्या है, क्योंकि मैंने ड्रोन हमलों की इजाजत नहीं दी। मैंने खुलकर मुखालफत करते हुए कहा कि अफगानिस्तान में सैन्य कार्रवाई से कोई समाधान नहीं निकल सकता। मैंने इराक में युद्ध का खुलकर विरोध किया। जबकि शरीफ औऱ जरदारी अमेरिका के पुतले बनकर काम कर रहे थे। क्या हजारों किलोमीटर दूर ड्रोन अटैक के जरिये कोई देश फैसला कर सकता है कि जो मारा गया वो दहशतगर्द है। 400 से ज्यादा ड्रोन अटैक हुए। उन्हें डर था कि अगर हमने इसकी इजाजत नहीं दी तो विदेश में रूसियों की तरह उनकी संपत्ति जब्त कर ली जाएगी। ये विदेशी ताकते चाहती हैं कि वो लोग फिर आ जाएं, जो उनके इशारे पर फैसला करें।

सिर्फ एक शख्स को हटाने के लिए ये सब ड्रामा हो रहा है। कबायली इलाकों में 80 हजार से ज्यादा लोग मारे गए। लाखों लोग विस्थापित हो गए। हमें डॉलर के लिए युद्ध में फंसाया गया। जब आप पैसे लेकर कोई काम करते हैं तो आपकी इज्जत नहीं होती। अफगानिस्तान से सोवियत संघ के खिलाफ पहले हम लड़े और फिर हमें इन्हें विदेशी ताकतों के समर्थन के लिए लड़ाई लड़ने को कहा गया।

भारत को बताया खुद्दार देश, हुए भावुक

इमरान खान ने कहा, हमारे साथ ही हिंदुस्तान आजाद हुआ था। वहां बहुत सम्मान और प्यार मिला। (इस दौरान इमरान भावुक हो उठे) वो एक खुद्दार कौम हैं। किसी सुपर पावर की जुर्रत नहीं है कि वहां ऐसा कुछ कर दे। मैं हिंदुस्तान का विरोधी नहीं हूं। कश्मीर, आरएसएस की वजह से रिश्ते खराब हुए। भारत की विदेश नीति आजाद है।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख