संयुक्त राष्ट्र: भारत ने संयुक्त राष्ट्र में कहा है कि यूक्रेन के बुचा ने आम नागरिकों के मारे जाने की रिपोर्ट परेशान करने वाली हैं। हम इसकी स्वतंत्र जांच की मांग करते हैं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अब तक के अपने सख्त बयान में भारत के दूत टीएस तिरुमूर्ति ने कहा, 'यूक्रेन के बुचा में आम नागरिकों के मारे जाने की हाल की रिपोर्ट्स परेशान करने वाली है। हम इन हत्याओं की स्पष्ट रूप से निंदा करते हैं और मामले की स्वतंत्र जांच का समर्थन करते हैं।' इसके साथ ही भारत ने हिंसा को तत्काल खत्म करने और शत्रुता समाप्त करने के आह्वान को दोहराया।
रूस के कब्जे वाले बुचा शहर में मारे गए नागरिकों की कब्रों और शवों को लेकर दुनियाभर में आक्रोश है और रूस के खिलाफ और अधिक व सख्त प्रतिबंधों और अंतराष्ट्रीय आपराधिक कोर्ट में कार्रवाई की मांग की जा रही है। यू्क्रेन और पश्चिमी देशों ने रूस के सैनिकों पर युद्ध अपराध का आरोप लगाया है। ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, अमेरिका और नाटो ने बुचा से आई इन डरावनी तस्वीरों को लेकर आवाज उठाई है, यहां सड़कों पर नागरिकों के शव पाए गए हैं। यही नहीं, कुछ को गोली लगने के पहले उनके हाथ और पैर बंधे हुए नजर आए।
गौरतलब है कि सोमवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बुचा में बड़े पैमाने पर नागरिकों की हत्या को लेकर कहा, रूस का रवैया आतंकवादियों से अलग नहीं है। उन्होंने कहा कि बुचा शहर को रूसी सेना के कब्जे से छुड़ाने के बाद वहां पर सामूहिक कब्रें मिली हैं। लोगों के शव मिले हैं। कम से कम 300 नागरिक मारे गए हैं। उन्होंने कहा कि बोरोडंका और अन्य शहरों में भी हताहतों की संख्या बढ़ सकती है। यूक्रेन के राष्ट्रपति ने अपने रात के वीडियो संबोधन में कहा, "मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि हम सबसे पूर्ण, पारदर्शी जांच में रुचि रखते हैं। जिसके परिणाम पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय को ज्ञात और समझाए जाएंगे।" उन्होंने कहा, 'दुनिया को यू्क्रेन का पूरा सच जानना अभी बाकी है।' जेलेंस्की ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की मांग की। उन्होंने कहा कि या तो रूस को बाहर फेंक दो या अगर आप कुछ नहीं कर सकते तो खुद को भंग कर लो।