इस्लामाबाद: राजनैतिक संकट का सामना कर रहे पाकिस्तान के नेता इमरान खान ने सोमवार को पूर्व मुख्य न्यायाधीश (सीजेपी) गुलज़ार अहमद को पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री के तौर पर नामांकित किया है। पाकिस्तान में जब तक कोई कार्यवाहक प्रधानमंत्री नहीं बन जाता तब तक इमरान खान ही इस पद पर बने रहेंगे। राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने ऐसी अधिसूचना जारी की है। पाकिस्तान के अखबार डॉन के अनुसार राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री खान और भंग होने वाली संसद में विपक्ष के नेता शाहबाज़ शरीफ को पत्र लिख कर नामों का प्रस्ताव मांगा है।
इस पत्र में कहा गया है कि राष्ट्रीय संसद और केंद्रीय मंत्रिमंडल को संविधान के अनुसार रविवार को भंग कर दिया गया। अल्वी ने उन्हें बताया कि अगर संसद भंग होने के तीन दिन के भीतर अगर वो नियुक्ति के लिए राजी नहीं होते हैं तो वो स्पीकर की तरफ से बनाई गई कमिटी को दोनों पक्षों से दो नामांकन भेजेंगे, जिसमें मौजूदा राष्ट्रीय ससंद या सीनेट के 8 सदस्य होंगे। इसमें पक्ष और विपक्ष दोनों तरफ के लोगों की बराबर संख्या होगी।
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने देश के प्रधानमंत्री इमरान खान की सिफारिश पर नेशनल असेंबली (एनए) को भंग कर दिया है। कुछ समय पहले नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष कासिम सूरी ने प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। खान ने संसद के निचले सदन, 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में प्रभावी तौर पर बहुमत खो दिया था।
पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल ने सोमवार को कहा कि देश में मौजूदा राजनीतिक हालात की वैधता पर एक ‘‘सुसंगत आदेश'' पारित किया जाएगा। उच्चतम न्यायालय प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ नेशनल असेंबली में लाया गया अविश्वास प्रस्ताव खारिज किए जाने और खान की सिफारिश पर सदन भंग करने को राष्ट्रपति द्वारा मंजूरी दिए जाने के मामले पर सुनवाई कर रहा है। न्यायाधीश बंदियाल की टिप्पणियां तब आयी हैं जब उनके समेत न्यायमूर्ति इजाजुल अहसान, न्यायमूर्ति मजहर आलम खान मियांखैल, न्यायमूर्ति मुनीब अख्तर और न्यायमूर्ति जमाल खान मंडोखैल की वृहद पीठ ने मामले पर सुनवाई शुरू की।