कोलंबो: पड़ोसी देश श्रीलंका में जारी आर्थिक संकट और सियासी उथल-पुथल के बीच सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका के गवर्नर अजित निवार्ड कबराली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपने इस्तीफे की घोषणा ट्विटर पर साझा करते हुए कहा, "चूंकि सभी मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है, इसलिए मैंने भी राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।" इस बीच आज श्रीलंका की नई कैबिनेट के शपथ लेने की संभावना है।
श्रीलंका संकट से जुड़ी अहम जानकारियां:
श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने सोमवार को एक संयुक्त सरकार में शामिल होने के लिए विपक्ष को आमंत्रित किया है। राष्ट्रपति कार्यालय ने एक बयान में कहा, "राष्ट्रपति संसद में सभी राजनीतिक दलों को कैबिनेट पदों को स्वीकार करने और राष्ट्रीय संकट के समाधान के प्रयास में शामिल होने के लिए आमंत्रित करते हैं।"
सोमवार को श्रीलंका का स्टॉक एक्सचेंज खुलने के सेकंड भर के अंदर ही ट्रेडिंग रोक दी गई। आर्थिक संकट की स्थिति में बड़े पैमाने पर कैबिनेट के इस्तीफे के बाद ब्लू-चिप इंडेक्स 5.92 प्रतिशत गिर चुका है।
श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने सोमवार को अपने भाई और वित्त मंत्री बेसिल राजपक्षे को उनके पद से हटा दिया। बेसिल ने श्रीलंका को मौजूदा विदेशी मुद्रा संकट से निपटने में मदद करने के लिए भारत से आर्थिक राहत पैकेज पाने पर बातचीत की थी। उनकी जगह अली साबरी को नियुक्त किया गया है, जो रविवार रात तक न्याय मंत्री थे। बेसिल अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से राहत पैकेज हासिल करने के लिए अमेरिका जाने वाले थे। राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और उनके बड़े भाई प्रधान मंत्री महिंदा राजपक्षे को छोड़कर कैबिनेट के सभी 26 मंत्रियों ने कल देर रात एक बैठक के बाद इस्तीफा दे दिया था।
आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में हालात खराब होता देख सरकार ने फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सऐप और इंस्टाग्राम सहित तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की सर्विस सस्पेंड करने के आदेश दिए थे।
हालांकि, इसके बावजूद पूरे श्रीलंका में कई छोटे प्रदर्शनों को नहीं रोका जा सका। इसके बाद रविवार को सेकेंड हाफ में सोशल मीडिया पर लगे प्रतिबंध हटा लिए गए।
कर्फ्यू के आदेशों की अवहेलना करते हुए, श्रीलंका के प्रमुख विपक्षी दल समागी जाना बालवेगया के सांसदों ने राष्ट्रपति राजपक्षे के आपातकाल की स्थिति और अन्य प्रतिबंध लगाने के कदम के खिलाफ कोलंबो में सरकार विरोधी विरोध प्रदर्शन किया है।
राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने शुक्रवार को तब देश में आपातकाल लागू करने की घोषणा की थी, जब एक दिन पहले एक भीड़ ने राजधानी कोलंबो में उनके घर पर धावा बोलने का प्रयास किया था।
सरकार ने आज तक देशव्यापी कर्फ्यू लागू किया है। अधिकारियों ने बताया कि कर्फ्यू का उल्लंघन करने के आरोप में कम से कम 664 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
कोलंबो में पश्चिमी राजनयिकों ने आपातकालीन कानूनों के उपयोग पर चिंता व्यक्त की है जो सेना को संदिग्धों को गिरफ्तार करने और हिरासत में लेने की अनुमति देते हैं और कहा कि वे घटनाक्रम की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं।
1948 में ब्रिटेन से आजाद होने के बाद से दक्षिणी एशियाई देश भोजन, ईंधन और अन्य आवश्यक चीजों की भारी कमी का सामना कर रहा है। श्रीलंका सबसे दर्दनाक मंदी और भयानक बिजली संकट का सामना कर रहा है, लोगों को जरूरी सामानों के लिए घंटों लाइनों में खड़े रहना पड़ रहा है।