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नई दिल्ली: क्षेत्रीय बीआईएमएसटीईसी (बिम्सटेक) शिखर सम्मेलन में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि क्षेत्रीय सुरक्षा अब बेहद अहम है। पिछले 2 सालों के चुनौतीपूर्ण माहौल में राष्ट्रपति राजपक्षे ने बिम्सटेक को कुशल नेतृत्व दिया है, जिसके लिए मैं उनका अभिनंदन करता हूं। बिम्सटेक की स्थापना का ये 25वां वर्ष है इसलिए आज के समिट को मैं विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानता हूं। इस लैंडमार्क समिट के परिणाम बिम्सटेक के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय लिखेंगे।

पीएम ने कहा कि आज के चुनौतीपूर्ण वैश्विक परिपेक्ष से हमारा क्षेत्र भी अछूता नहीं रहा है। हमारी अर्थव्यवस्थाएं, हमारे लोग, अभी भी कोविड-19 महामारी के दुष्प्रभावों को झेल रहे हैं। यह महत्त्वपूर्ण कार्य समय और अपेक्षा के अनुरूप पूरा हो, इसके लिए भारत सचिवालय के ऑपरेशनल बजट को बढ़ाने के लिए एक मिलियन डॉलर की वित्तीय सहायता देगा। बिम्सटेक हमारी अपेक्षाओं को पूरा करे, इसके लिए सचिवालय की क्षमता को बढ़ाना भी महत्त्वपूर्ण है। मेरा सुझाव है कि सेक्रेटरी जनरल इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए एक रोडमैप बनाएं।

पीएम मोदी ने कहा कि हमारे आपसी व्यापार को बढ़ाने के लिए बिम्सटेक एफटीए के प्रस्ताव पर शीघ्र प्रगति करना आवश्यक है। हमें अपने देशों के उद्यमियों और स्टार्टअप्स के बीच आदान-प्रदान भी बढ़ाना चाहिए। इसी के साथ हमें ट्रेड फेसिलीटेशन के क्षेत्र में इंटरनेशनल नॉर्म्स को अपनाने का भी प्रयत्न करना चाहिए। इसे और सक्रिय बनाने के लिए मैं आप सब का सहयोग चाहूंगा। इस सेंटर के कार्य को पुनः शुरू करने के लिए भारत तीन मिलियन डॉलर का योगदान करने को तैयार हैं। आज जब हमारा क्षेत्र स्वास्थ्य और इकोनोमिक सिक्योरिटी की चुनौतियों का सामना कर रहा है, हमारे बीच एकजुटता और सहयोग समय की मांग है। आज बे आफ बंगाल को ब्रिज आफ कनेंटिविटी, ब्रिज आफ प्रोस्पेरिटी, ब्रिज आफ सिक्योरिटी बनाने का समय है।

 

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