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इस्लामाबाद: इस्लामाबाद में इमरान खान की सत्ता में विश्वास के प्रदर्शन से पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने जम्हूरी वतन पार्टी (जेडब्ल्यूपी) के प्रमुख शाहज़ैन बुगती को खो दिया है। बुगती ने सरकार से अलग होने की घोषणा की है और कहा है कि वह देश के पीएम के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करेंगे। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार की रिपोर्ट के अनुसार शाहज़ैन बुगती बलूचिस्तान में सुलह और सद्भाव पर इमरान खान के विशेष सहायक के रूप में कार्यरत थे। उन्होंने पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी के साथ बैठक के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया।

बुगती ने घोषणा की कि वह इमरान खान के खिलाफ पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव के मद्देनजर विपक्ष का समर्थन करेंगे। इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ को नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ सकता है। सत्र 28 मार्च को बुलाया गया है। इस्लामाबाद में पीपीपी के लंबे मार्च के बाद विपक्ष ने आठ मार्च को इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था।

 

विपक्ष को भरोसा है कि उसके प्रस्ताव को आगे बढ़ाया जाएगा क्योंकि पीटीआई के कई सांसद पीएम इमरान खान के खिलाफ खुलकर सामने आए हैं।

ट्रिब्यून ने सूत्रों के हवाले से बताया कि जैसे-जैसे महत्वपूर्ण अविश्वास प्रस्ताव नजदीक आता जा रहा है और राजनीतिक गठजोड़ में अनिश्चितता बनी हुई है, सत्ताधारी दल के कम से कम 50 मंत्री 'लापता' हो गए हैं।

पाकिस्तानी नेशनल असेंबली में कुल 342 सदस्य हैं, जिसमें बहुमत का आंकड़ा 172 है।

पीटीआई के नेतृत्व वाला गठबंधन 179 सदस्यों के समर्थन से बनाया गया था, जिसमें इमरान खान की पीटीआई में 155 सदस्य और चार प्रमुख सहयोगी मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी), पाकिस्तान मुस्लिम लीग-कायद (पीएमएल-क्यू), बलूचिस्तान अवामी पार्टी (बीएपी) और ग्रैंड डेमोक्रेटिक अलायंस (जीडीए) के क्रमशः सात, पांच, पांच और तीन सदस्य हैं।

इमरान खान की सरकार की स्थिति अनिश्चित है क्योंकि चार सहयोगियों में से तीन, यानी एमक्यूएम-पी, पीएमएल-क्यू और बीएपी ने विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को अपना समर्थन दिया है और कहा है कि वे उसी के अनुसार मतदान करेंगे।

आखिरी प्रयास मे इमरान खान ने हाल ही में सहयोगियों से मिलने के लिए पीटीआई के वरिष्ठ नेताओं की एक टीम को भेजा और उन्हें आश्वासन दिया कि उनके हितों का ध्यान रखा जाएगा।

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