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बीजिंग: चीनी नेताओं ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के साथ बैठकों में कहा कि भारत और चीन को अपने मतभेदों को उचित तरीके से सुलझाना चाहिए और शीर्ष नेताओं की रणनीतिक वार्ताओं के जरिए राजनीतिक भरोसे को मजबूत करना चाहिए। सरकारी संवाद समिति शिंहुआ ने कल यहां बताया कि चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने मुखर्जी के साथ बैठक में कल कहा, ‘दोनों पक्षों को आपसी मतभेदों से उचित तरीके से निपटना चाहिए।’ शी ने मुखर्जी को ‘अनुभवी राजनेता’ और ‘चीन का एक पुराना मित्र’ बताते हुए भारत के साथ रणनीतिक एवं सहकारी भागीदारी बढ़ाने का संकल्प लिया और प्रस्ताव पेश किया कि दोनों पक्ष देश के नेताओं के बीच सामरिक संवाद स्थापित करके और द्विपक्षीय वार्ता के विभिन्न तंत्रों का उपयोग करके राजनीतिक भरोसे को मजबूत करें। चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग ने मुखर्जी के साथ बैठक में कहा कि दोनों देशों के विकास ने एक दूसरे के लिए अवसर पैदा किए हैं। शिंहुआ ने कहा कि ली ने सुझाव दिया कि दोनों पक्ष चीन की ‘मेड इन चाइना 2025’ की मुहिम एवं ‘इंटरनेट प्लस’ की पहल को भारत की ‘मेक इन इंडिया’ एवं ‘डिजिटल इंडिया’ मुहिमों के साथ जोड़ें।

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