जापान: जी 7 देशों के नेताओं ने आज (शुक्रवार) कहा कि एशिया में समुद्र संबंधी बढ़ती चिंताएं परेशानी का सबब हैं और विवादों का समाधान वैध एवं शांतिपूर्ण तरीके से किया जाना चाहिए। जी 7 के वाषिर्क शिखर सम्मेलन के अंत में जारी घोषणा पत्र की विषय वस्तु में किसी एक देश का जिक्र नहीं किया गया लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि इसका इशारा चीन की ओर था। लगभग संपूर्ण दक्षिण चीन सागर में बीजिंग के दावे ने उसके कुछ दक्षिणपूर्वी एशियाई पड़ोसियों को नाराज कर दिया है और इस जल क्षेत्र में नौवहन की आजादी पर खतरे संबंधी चिंताओं को जन्म दिया है। इस समुद्री क्षेत्र में ब्रुनेई, मलेशिया और वियतनाम के साथ साथ फिलीपीन भी अपना दावा पेश करता है। चीन द्वारा वहां छोटे द्वीपों के सैन्यीकरण ने देश की बढ़ती क्षेत्रीय ताकत को लेकर सीमा संबंधी आशंकाएं बढ़ा दी हैं और साथ ही आवश्यकता पड़ने पर इस दावे के समर्थन में उसके द्वारा बल प्रयोग किए जाने का खतरा भी बढ़ गया है।
जी 7 नेताओं ने कहा, ‘हम पूर्वी और दक्षिण चीन सागरों में स्थिति को लेकर चिंतित हैं और विवादों के शांतिपूर्ण प्रबंधन एवं निपटान के मौलिक महत्व पर जोर देते हैं।’