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काबुल: एक आत्मघाती बम हमलावर ने अदालत के कर्मचारियों को ले जा रही एक मिनीबस को आज सुबह के व्यस्ततम समय पर निशाना बनाया जिसमें 11 लोग मारे गए। तालिबान ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।गृहमंत्रालय के उप प्रवक्ता नजीब दानिश ने कहा कि पैदल आए बम हमलावर ने शहर के पश्चिमी हिस्से में इस वाहन के पास जाकर अपने शरीर पर बंधे विस्फोटकों में विस्फोट कर दिया। यह हमला ऐसे समय पर हुआ है, जब तालिबान ने पाकिस्तान में शनिवार को अमेरिकी ड्रोन हमले में मुल्ला अख्तर मंसूर की मौत के बाद अपने नए नेता को चुन लिया है।दानिश ने कहा कि आज के हमले में हताहत लोगों में अदालत के कर्मचारी और आम नागरिक शामिल हैं। विस्फोट में चार लोग घायल भी हो गए। उन्होंने कहा कि मिनीबस पड़ोसी मैदान वारदक प्रांत के न्याय विभाग की थी और जिस समय इसपर हमला हुआ, यह कर्मचारियों को ले जा रही थी।इस हमले के एक घंटे के भीतर तालिबान ने इस बम हमले की जिम्मेदारी ले ली। सरकार के खिलाफ अपनी लड़ाई में तालिबान अक्सर सरकारी कर्मचारियों को अपना निशाना बनाता रहा है।

तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने मीडिया को एक ईमेल भेजकर हमले की जिम्मेदारी ली है।बयान में कहा गया, ‘‘यह हमला काबुल में छह निर्दोष कैदियों की हत्या का बदला है।’’ यहां दिया गया छह कैदियों का संदर्भ दरअसल काबुल की जेल में इस माह की शुरूआत में आतंकवाद के दोषी छह तालिबान सदस्यों को फांसी पर लटकाए जाने से जुड़ा है। राष्ट्रपति अशरफ गनी के कार्यालय ने उस वक्त कहा था कि उन्होंने ‘‘उन छह आतंकियों की फांसी को मंजूरी दी थी, जिन्होंने नागरिकों और सुरक्षा कर्मियों के खिलाफ संगीन अपराधों की साजिश रची थी।’’ गनी ने वर्ष 2014 में युद्ध को समाप्त करने के वादे के साथ पद ग्रहण करने के बाद पहली बार फांसी की इन सजाओं को मंजूरी दी थी। तालिबान ने फांसी के बाद, काबुल और अमेरिका पर प्रताड़ना और अमानवीय बर्ताव का आरोप लगाया। इसके साथ ही तालिबान ने ‘‘संदिग्ध परिस्थितियों में हत्या’’ का भी आरोप लगाया।काबुल में हुआ यह आत्मघाती हमला न्यायपालिका पर इस माह हुआ अपनी तरह का दूसरा हमला है। मई की शुरूआत में अज्ञात हमलावरों ने एक न्यायाधीश की गोली मारकर हत्या कर दी थी। काबुल में पिछला बड़ा हमला 19 अप्रैल को हुआ था। तब बम विस्फोट में 64 लोग मारे गए थे और सैंकड़ों लोग घायल हो गए थे। तालिबान ने उस बम हमले की भी जिम्मेदारी ली थी।

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