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नई दिल्ली: चीन ने इस बात से इनकार किया कि वह प्रतिष्ठित एनएसजी में सदस्यता के भारत के दावे को रोक रहा है। चीन ने कहा है कि वह इस समूह में भारत के प्रवेश के लिए समाधान खोजने की खातिर भारत एवं 48 देशों के संगठन के सदस्यों के साथ काम करेगा। चीनी उप विदेश मंत्री लिउ झेनमिन ने कहा कि इस मुद्दे पर संबंधित पक्षों के बीच बातचीत की जरूरत है। भारत के प्रवेश को चीन द्वारा रोकने से जुड़े सवाल पर लिउ ने कहा, यह सच नहीं है। मुझे लगता है कि एनएसजी सदस्यता कोई नया मुद्दा नहीं है। यह कई वर्षों से चल रहा मुद्दा है। इसे एनपीटी सदस्यों के साथ एक साथ मिलकर सुलझाना चाहिए। मुझे लगता है कि चीन समाधान निकालने के लिए भारत के सहयोगियों सहित अन्य के साथ मिलकर काम करेगा। दूसरी तरफ पाकिस्तान ने अमेरिका से कहा कि एनएसजी समेत परमाणु सामग्री निर्यात नियंत्रण व्यवस्था का पूर्ण सदस्य बनने के लिए उसमें पात्रता है और दोनों देशों ने दक्षिण एशिया में परमाणु एवं मिसाइल विकास पर एक दूसरे के सामने अपनी अपनी चिंताएं रखीं।

पाकिस्तान का यह दावा तब आया है जब एक दिन पहले ही चीन ने 48 सदस्यीय एनएसजी में आम सहमति की आवश्यकता पर बल दिया। खबर है कि चीन इस शीर्ष निकाय में भारत के शामिल होने के प्रति अमरिका के जबर्दस्त समर्थन के बावजूद पाकिस्तान के उसमें प्रवेश पर दबाव बना रहा है।

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